Listing Of Elephant's DNA : केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने हाथियों के डीएनए का प्रोफाइल बनाने का फैसला किया है. इसके तहत देशभर में मौजूद 2627 हाथियों का डीएनए डेटा तैयार किया जाएगा. सारे डेटा को सूचना ऐप 'गज' पर  सुरक्षित रखा जाएगा. इस डेटा के जरिए सरकार को हाथियों से जुड़ी हर जानकारी मिल सकेगी.


पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में 100 हाथियों का एक पायलट प्रोजेक्ट को पूरा भी कर लिया गया है और जल्द ही सारे पालतू हाथियों का डीएनए डेटाबेस तैयार कर लिया जाएगा. इस काम की जिम्मेदारी भारतीय वन्यजीव संस्थान को दी गई है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सीएसआईआर की प्रमुख प्रयोगशाला सीसीएमबी हैदराबाद की भी मदद ली जा सकती है.


क्यों हो रही है हाथियों की गिनती 

देशभर में कुल 27 हजार हाथी हैं, इनमें से करीब 10 प्रतिशत पालतू हाथी है. ज्यादातर हाथी दक्षिण भारत के मंदिरों में हैं. चिड़ियाघरों में मौजूद हाथियों को भी पालतू की श्रेणी में गिना जाता है. पालतू हाथियों के खो जाने और उनके चोरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा इन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता था. इन्हीं सब समस्याओं का हल निकालने के लिए वन मंत्रालय ने ऐसा फैसला किया है.

 
कैसे होगी गिनती 

पर्यावरण मंत्रालय ने बाघों के गिनती के अलावा हाथियों की भी गिनती शुरू कर दी है. दोनों जीवों की गिनती एक ही टीम करेगी. अभी तक हाथियों के आंकड़े अनुमान पर ही आधारित है, लेकिन गिनती के बाद सही संख्या सामने आएगी. इनकी गिनती के लिए डीएनए टेस्टिंग, कैमरा ट्रैप, पैरों के निशान आदि का सहारा लिया जाएगा.


प्रोजेक्ट एलिफेंट क्या है

मंत्रालय ने बताया कि  प्रोजेक्ट एलिफेंट के तहत देश में 1800 किमी क्षेत्रफल की पहचान की गई है. इसे एलिफेंट कॉरिडोर कहा जाता है. इसमें कई कॉरिडोर ऐसे हैं, जहां से रेलवे की लाइनें  भी गुजरती हैं, इन कॉरिडोर को और अधिक सुरक्षित बनाने का काम भी चल रहा है.

 

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