UPSC Lateral Entry Began: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में निदेशक, संयुक्त सचिव और उप सचिव के 45 मध्य-स्तर के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. खास बात ये है कि 2019 में लेटरल एंट्री शुरू होने के बाद से इस तरह की यह सबसे बड़ी कवायद है.
दरअसल, सरकार अधिक विशेषज्ञों की तलाश कर रही है. पिछले पांच वर्षों के दौरान इन स्तरों पर अब तक 63 नियुक्तियां लेटरल एंट्री के माध्यम से की गई हैं और वर्तमान में 57 ऐसे अधिकारी तैनात हैं. अभी 10 संयुक्त सचिव पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जिनमें वित्त और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालयों में दो-दो और पर्यावरण, इस्पात, शिपिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और गृह मंत्रालय में एक-एक पद शामिल हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने इमर्जिंग टेक्नॉलजी के लिए संयुक्त सचिव और 'सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स' के लिए एक और पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं.
17 सितंबर तक कर सकते हैं आवेदन
वित्त मंत्रालय में दो संयुक्त सचिवों की वैकेंसी फिनटेक, साइबर सुरक्षा और निवेश के लिए निकाली गई है. नोटिफिकेशन के अनुसार, पदों के लिए आवेदन 17 सितंबर तक जमा करने होंगे और यह तीन साल के लिए अनुबंध के आधार पर होगा, जिसे प्रदर्शन के आधार पर पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. शिपिंग और पर्यावरण मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों के लिए रिक्तियों का विज्ञापन किया गया है, क्योंकि लेटरल एंट्री के माध्यम से पहले नियुक्त किए गए ऐसे दो अधिकारियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
संयुक्त सचिव पद के लिए 15 वर्ष का अनुभव जरूरी
यूपीएससी की अधिसूचना के अनुसार, 35 निदेशक और उप सचिव पदों के लिए भी आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. ये नियुक्तियां कृषि मंत्रालय में जलवायु परिवर्तन और मृदा संरक्षण, ऋण, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती और जल प्रबंधन के लिए होंगी; उपभोक्ता मामलों के विभाग में कमोडिटी मूल्य निर्धारण, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में दिवाला और दिवालियापन, शिक्षा मंत्रालय में शिक्षा कानूनों और प्रौद्योगिकी से निपटने के लिए दो पद आदि. संयुक्त सचिव पद के लिए आवेदकों को न्यूनतम 15 वर्ष का अनुभव होना चाहिए और उनकी आयु 40-55 वर्ष होनी चाहिए. सकल वेतन लगभग 2.7 लाख रुपये प्रति माह होगा. इसी तरह, निदेशक और उप सचिव उम्मीदवारों को क्रमशः न्यूनतम 10 और सात साल का अनुभव चाहिए. निदेशक के लिए आयु सीमा 35-45 वर्ष और उप सचिव के लिए आयु सीमा 32-40 वर्ष होनी चाहिए.
विपक्ष ने शुरू की लेटरल एंट्री के कदम की आलोचना
दूसरी तरफ विपक्ष ने लेटरल एंट्री के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह कोटा को कमजोर करता है. एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "संविधान को तार-तार करने वाली भाजपा ने आरक्षण पर दोहरा हमला किया है! एक सुनियोजित साजिश के तहत, भाजपा जानबूझकर नौकरियों में ऐसी भर्तियां कर रही है ताकि एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों को आरक्षण से दूर रखा जा सके." राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे आरक्षण प्रणाली और बी आर अंबेडकर की ओर से तैयार संविधान पर गंदा मजाक बताया. उन्होंने कहा कि अगर ये 45 पद पारंपरिक सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भरे जाते, तो उनमें से लगभग आधे एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होते.
क्या है लेटरल एंट्री?
लेटरल एंट्री का मतलब सरकारी विभागों में विशेषज्ञों को अनुबंध के आधार पर तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाने की प्रक्रिया है. केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर लेटरल एंट्री भर्ती 2018 से ही की जा रही है.
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