नई दिल्लीः केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनोखे आईडिया की चर्चाएं अक्सर होती है. अब उनके बताए गए तमाम आईडिया पर 'अनमास्किंग इंडिया' नाम से एक किताब आई है. यह किताब साल 2020 में उनके वेबिनार पर आधारित है. यह एक ऐसा साल था जिसने न केवल हर किसी का जीवन बदल दिया, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था तक ठहर सी गई. लेकिन केंद्रीय मंत्री गडकरी महामारी के दौरान ही वेबिनार के माध्यम से लोगों से जुड़ने लगे. उन्होंने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई वाणिज्य और आर्थिक मंचों (CII, FICCI, CREDAI, DICCI) पर चर्चा की. उन्होंने सबसे ज्यादा चीजों को अलग तरीके से करने, अलग तरीके से सोचने और अलग तरीके से जीने के लिए छोटे और बड़े कदमों के बारे में बात की. इस किताब में गडकरी द्वारा बताए गए कई आइडियाज का जिक्र है, इनमें से पांच सबसे अनोखे आइडियाज के बारे में हम यहां बता रहे हैं.


वेबिनार के दौरान गड़करी ने बताये कुछ आइडिया


1- सड़कों पर लेन सिस्टम को हम सभी जानते हैं. लेकिन शायद ही किसी को इलेक्ट्रिक लेन के बारे में कोई तकनीकी जानकारी हो. एक पायलट प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए गडकरी ने किताब में कहा है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर विशेष रूप से एक खास लेन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस खास इलेक्ट्रिक वाहन लेन पर कुछ-कुछ दूरी पर ऑटो रिचार्ज का सिस्टम होगा. इलेक्ट्रिक वाहन बिना रुके रिचार्ज कर सकेंगे क्योंकि रिचार्ज करने की सुविधा सड़क में ही होगी.


2- इस किताब में गडकरी के वेबिनार के साथ रियलटर्स बॉडी NAREDCO और CREDAI का भी जिक्र है. यहां उन्होंने सवाल किया है कि रियल एस्टेट सेक्टर अपना खुद का एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कारपोरेशन) क्यों नहीं शुरू कर सकता है. अगर सेक्टर केवल बैंकों पर निर्भरता को जारी रखता है, तो उद्योग की मांग और आपूर्ति का संतुलन कम ही रहेगा. इसलिए उद्योग को केवल एनबीएफसी ही नहीं बनाना चाहिए, बल्कि एक प्रस्ताव भी तैयार करना चाहिए जिसमें भारत सरकार और बैंकों को इक्विटी का हिस्सा मिले. यह एनबीएफसी को पॉवरफुल बनाएगा. उनका कहना है कि हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन, हाउसिंग फाइनेंस सोसायटी और हाउसिंग फाइनेंस के साथ इसे आसानी से पूरा किया जा सकता है.


3- यह बिल्डरों को कंस्ट्रुक्टेड यूनिट्स के न बिके स्टॉक से निपटने के लिए एक सुझाव है. अलग-अलग राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र को बड़ी संख्या में आवास तिमाहियों की आवश्यकता होती है. वह कहते हैं कि बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई और दिल्ली के बड़े शहरों में कई योजनाओं के लिए सरकार के साथ बातचीत करने का अवसर है. सरकार के साथ इन सौदों पर बातचीत करने के कई तरीके हो सकते हैं. उद्योग और सरकार दोनों को फायदा होगा. रियल्टर्स आसानी से कैश प्राप्त कर सकते हैं और सरकार को कम लागत में आवास सुविधा हासिल हो जाएगी. ऐसी आवास सुविधाएं बनाने में सरकार की लागत काफी कम हो रही है. जमीन की लागत की गणना किए बिना भी कीमत लगभग 3500- 4000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो जाती है. ऐसे में, वह रियल्टर्स को एक फॉर्मूले पर पहुंचने की सलाह देते हैं, जहां सरकार रियल एस्टेट को तुरंत पैसा देती है और उनका सामान भी बिक जाता है.


4-गडकरी ने किताब में 'फैक्ट्री-निर्मित सड़कों' के बारे में भी बताया है. उन्होंने विश्व स्तरीय तकनीकी के उपयोग के साथ लागत कम करके सड़क निर्माण को बढ़ाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, 'अब मैंने एक ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए उद्योगों से सहयोग मांगा है जिसके द्वारा वास्तव में कारखानों में सड़कों का निर्माण किया जा सके. मेरा विचार कारखानों में सड़क के कंक्रीट ब्लॉक बनाने का है.' यानी की इंजीनियरिंग की मदद से फैक्ट्री में बनी सड़क बिछाई जा सकती है. ये कार्य न केवल तेज़ होगा, बल्कि सस्ता भी होगा और लोगों को बहुत परेशानी से बचाएगा.


5-गडकरी ने बैम्बू से डीजल और अन्य ईंधन बनाने की बात भी कही है. इसी के साथ गडकरी ने सीएनजी उत्पन्न करने के लिए जैविक और सीवेज दोनों तरह के कचरे का उपयोग करने की भी बात कही है. उन्होंने कहा, अगर मुझे इस परियोजना के लिए कोई निवेशक नहीं मिलता है, तो मैं इस नए उपयोग में व्यक्तिगत रूप से निवेश करने के लिए काफी उत्साहित हूं. गडकरी आगे कहते हैं, "अगर ट्रैक्टर सीएनजी का उपयोग शुरू किया जाता है, तो यह किसानों के लिए लाखों रुपये बचाएगा."


अनमास्किंग इंडिया' ये किताब ऐमज़ॉन और फ़्लिपकार्ड जैसे ऑनलाइन प्लाट्फ़ोर्म पर उपलब्ध होगी.


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