जम्मू: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ लगातार बढ़ रहे विवाद के बीच जम्मू में छोटे बच्चों ने अनोखी पहल की है. सैनिकों के परिवार परिवारों से ताल्लुक रखने वाले इन बच्चों ने इस साल अपने अपने इलाकों में चीन में बने सामान का बहिष्कार कर देसी तरीके से दिवाली मनाने का फैसला किया है.
हाथों में आटा लेकर दिये बना रहे यह बच्चे जम्मू के सैनिक कॉलोनी इलाके से हैं. उत्तर भारत की सबसे बड़ी सैनिकों की बस्ती में से एक सैनिक कॉलोनी के यह बच्चे इस साल इन दियो के जरिए चीन को जवाब दे रहे हैं. हाल ही में गलवान घाटी में शहीद हुए 20 सैनिकों के शहादत को नमन करते हुए इन बच्चों ने इस साल दिवाली में सभी तरह के चीनी सामान का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
बच्चों ने आटे के दिये जलाने का फैसला किया
इन बच्चों का दावा है कि चीन के लिए भारत एक बड़ा बाजार है और यहां की यहां से की गई कमाई चीन अपने विस्तारीकरण नीति में लगाता है और सीमा पर भारतीय जवानों को शहीद करता है. इन बच्चों ने न केवल अपने घर में बल्कि अपने परिवार और दोस्तों में के घरों में भी इस साल यही आटे के दिये जलाने का फैसला किया है.
इन बच्चों का दावा है कि भारत से की गई कमाई से चीन हथियार बनाता है और फिर उन हथियारों को भारतीय सैनिकों के खिलाफ इस्तेमाल करता है. वही, सैनिक कॉलोनी रामलीला क्लब का दावा है कि उनके पास इस साल ऐसे बच्चों की अच्छी खासी संख्या है जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर वोकल फॉर लोकल का नारा बुलंद किया है और इस साल दिवाली में देसी चीजें इस्तेमाल करने का फैसला किया हैं.
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