Unitech Case: बहुचर्चित यूनिटेक घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज शुक्रवार को यूनिटेक कंपनी के मालिक संजय चंद्रा और उनके परिजनों समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ दूसरा आरोपपत्र दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने पेश किया. प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि इस मामले में 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है.


प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि आज जिन पांच लोगों के खिलाफ आरोपपत्र पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लिया उनमें यूनिटेक कंपनी के मालिक संजय चंद्रा, उनके भाई अजय चंद्रा उनके परिजन रमेश चंद्र प्रीति चंद्रा और राजेश मलिक समेत 66 विदेशी और घरेलू कंपनियों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय 2 दिसंबर 2021 को पहला आरोपपत्र कोर्ट के सामने पेश किया था. 


2018 में दर्ज हुआ था मुकदमा 


सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा यूनिटेक ग्रुप के खिलाफ साल 2018 में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी मुकदमे के आधार पर निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को पता चला कि इस मामले में अपराध की कुल आय 6352 करोड़ रुपये है. जांच के दौरान फिर तो निदेशालय ने संजय चंद्रा समेत कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. यह सभी अभी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं.


ईडी द्वारा इस मामले में अब तक कुल 43 बार तलाशी अभियान चलाए गए. आदेशों के तहत, 763 करोड़ रुपये के कुल मूल्य की 297 घरेलू और विदेशी संपत्तियां संलग्न की गई हैं. कुर्की में कार्नोस्टी समूह, शिवालिक समूह, त्रिकार समूह की संपत्ति और चंद्रा की शेल और व्यक्तिगत कंपनियों की संपत्ति शामिल है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष 5 स्थिति रिपोर्ट दायर की गई हैं. आगे की जांच प्रक्रिया में है.


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