नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कुछ रिपोर्ट मोटिवेटेड होती हैं. उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता है कि जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर कुछ भी बोलना चाहिए. इस तरह की कुछ रिपोर्ट मोटिवेटेड होती हैं.'' रावत ने कहा कि मानवाधिकार के मामले में भारतीय सेना का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है. इससे पहले भारत सरकार ने भी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और कहा था कि यह भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रायोजित है.


संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन ने कहा था, "भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का राजनीतिक आयाम काफी समय से अहम रहा है लेकिन समय के साथ अंत होने वाला विवाद नहीं है. इस विवाद ने लाखों लोगों को मौलिक मानवाधिकार से महरूम कर दिया है और आज भी लोग पीड़ा झेल रहे हैं." रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान सुरक्षाबलों के हाथों लगभग 145 नागरिक मारे गए और सशस्त्र समूहों ने 20 नागरिकों की हत्या की.


रिपोर्ट में 2016 में जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर प्रयोग किए गए पैलेट फायरिंग शॉट गन का भी जिक्र किया गया है, जिसे 'सबसे खतरनाक हथियार' बताया गया है. जैद ने भारतीय सुरक्षा बलों से अत्यधिक संयम बरतने और भविष्य में प्रदर्शनकारियों से निपटने के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मानक का पालन करने का आग्रह किया है.


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