India World's Most Populous Country: भारत को दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश का तमगा मिल गया है. देश ने आबादी के मामले में पड़ोसी देश चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है. इस सबके बीच संयुक्त राष्ट्र का पूर्वानुमान है कि देश की जनसंख्या अगले तीन दशक तक बढ़ती रह सकती है. इस बीच राहत की बात ये है कि इसके  बाद ये कम होना शुरू होगी.


'1.4 अरब आबादी को अवसर के तौर पर देखें'


वैश्विक स्तर पर आबादी के आंकड़े 1950 से एकत्र किए जा रहे हैं और पहली बार भारत सबसे अधिक आबादी वाले देशों की संयुक्त राष्ट्र सूची में टॉप पर है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की भारत की प्रतिनिधि और भूटान की निदेशक एंड्रिया वोज्नार ने कहा, ‘‘भारत की 1.4 अरब आबादी को 1.4 अरब मौके के तौर पर देखना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ देश की 25.4 करोड़ आबादी युवा (15 से 24 वर्ष के आयुवर्ग) है... यह नवाचार, नई सोच और स्थायी समाधान का स्रोत हो सकती है.’’


वोज्नार ने कहा कि सतत भविष्य के लिए लैंगिक समानता, सशक्तीकरण और महिलाओं तथा लड़कियों के लिए अपने शरीर पर उनका अधिकार सुनिश्चित करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत अधिकारों तथा विकल्पों का सम्मान किया जाना चाहिए और सभी को यह फैसला करने में सक्षम होना चाहिए कि बच्चे कब (यदि हों) और कितने हों.


संयुक्त राष्ट्र की अधिकारी ने कहा, ‘‘ महिलाओं और लड़कियों को यौन तथा प्रजनन संबंधी नीतियों तथा कार्यक्रमों का केंद्र होना चाहिए. सभी लोगों के अधिकारों, विकल्पों और समान मूल्यों का सही मायने में सम्मान करके ही हम भविष्य की अनंत संभावनाओं का रास्ता खोल पाएंगे.’’


'2050 तक भारत की आबादी 166.8 करोड़'


संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार भारत की आबादी बढ़कर 142.86 करोड़ हो गई है और वह चीन को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है. संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या ‘डैशबोर्ड’ (मंच) के अनुसार, चीन की आबादी 142.57 करोड़ है. यह दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है.


संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या पूर्वानुमान-2022 के अनुसार 2050 तक भारत की जनसंख्या 166.8 करोड़ पहुंच सकती है, वहीं चीन की आबादी घटकर 131.7 करोड़ हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र के विश्लेषण के मुताबिक, भारत की जनसांख्यिकी अलग-अलग राज्य में अलग हो सकती है. इसमें बताया गया है कि केरल और पंजाब में बुजुर्ग आबादी अधिक है, वहीं बिहार तथा उत्तर प्रदेश में युवा आबादी अधिक है.


संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की नयी रिपोर्ट के अनसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 (वर्ष) आयु वर्ग की है जबकि 18 प्रतिशत 10 से 19 साल आयु वर्ग, 26 प्रतिशत 10 से 24 आयु वर्ग, 68 प्रतिशत 15 से 64 आयु वर्ग की और सात फीसदी आबादी 65 वर्ष से अधिक उम्र की है.


भारत से चीन की आबादी 28.3 करोड़ अधिक थी


संयुक्त राष्ट्र की विश्व जनसंख्या संभावना 2022 के अनुसार, 1950 में भारत की जनसंख्या 86.1 करोड़ थी जबकि चीन की जनसंख्या 114.4 करोड़ थी. भारत की आबादी 2050 तक बढ़कर 166.8 करोड़ होने की उम्मीद है, जबकि चीन की जनसंख्या घटकर 131.7 करोड़ हो सकती है. 1950 के हिसाब से देखा जाए तो 72 साल पहले चीन की आबादी 28.3 करोड़ अधिक थी. ये बात दिलचस्प है कि यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक आबादी 1950 के बाद सबसे धीमी दर से बढ़ रही है, जो 2020 में एक फीसदी से कम हो गई है.


विश्व जनसंख्या संभावना 2022 के अनुसार, भारत की आबादी पिछले साल 141.2 करोड़ थी, जबकि चीन की आबादी 142.6 करोड़ थी. रिपोर्ट के अनुसार, 15 नवंबर को वैश्विक आबादी के आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है.


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