नई दिल्लीः कोरोना काल में अब अनलॉक फेस शुरू हो चुका है, जिसमें बाजारों के बाद अब धार्मिक स्थल मॉल आदि खुलने शुरू हो गए हैं. ऐसे में केंद्र सरकार के माध्यम से यह भी कहा जा रहा है कि अगस्त में स्कूलों को भी फिर से खोला जा सकता है. जिसके बाद से यह चर्चा का विषय बन चुका है, क्योंकि अभिभावक इसे सिरे से नकार रहे हैं. उनका कहना है कि 1 साल स्कूल नहीं खुलेंगे तो कोई आफत नहीं आ जाएगी.


अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की जान से ज्यादा कुछ भी नहीं है. बच्चे सुरक्षित रहेंगे तो आगे पढ़ भी सकेंगे, लेकिन किसी भी कारण से किसी भी बच्चे की जान पर खतरा बन आए तो यह अच्छा नहीं होगा. इस विषय पर अभिभावकों के साथ साथ हमने स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों, दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की प्रेसिडेंट, एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल से भी बात की है और यह जानने की कोशिश की है कि आखिर स्कूलों को फिर से खोलने के लिए क्या तैयारी चल रही है और अभिभावकों की इसके लिए क्या राय है?


स्कूलों के खोले जाने पर अभिभावकों की राय


कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण के इस दौर में अभिभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंता में नजर आ रहे हैं. ऐसे में एक अभिभावक का कहना है 'मैं बिल्कुल भी नहीं चाहूंगी कि मेरी बेटी को मैं इस साल स्कूल भेजूं. मेरी बेटी अभी फर्स्ट क्लास में पढ़ रही है, और आप यह देखिए कि अगर हम स्कूलों को फिर से खोलने की बात करते हैं तो वह बेहद खतरनाक कदम होगा.' अगर हम इजरायल की बात करें, जो तकनीक में हमारे देश से कहीं आगे हैं. वहां पर स्कूलों को खोला गया था लेकिन अचानक से यह सूचना आई कि 400 से अधिक बच्चों को कोरोना का संक्रमण हो गया है. जिसके बाद फिर से स्कूलों को बंद करना पड़ गया. ऐसे में हम भारत की बात करें तो हम बिल्कुल भी नहीं चाहेंगे कि स्कूलों को खोला जाए.


इस साल को जीरो ईयर घोषित किया जाएः दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन


कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल खोले जाने पर दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम का कहना है कि 'इस साल को जीरो ईयर घोषित करके स्कूलों को बंद रखना चाहिए. कोरोना के खतरे को देखते हुए इस वर्ष स्कूलों को नहीं खोलना चाहिए, क्योंकि यह खतरा बहुत बड़ा है.' अपराजिता का कहना है कि ऐसे दौर में जब बड़े और समझदार लोग खुद को नहीं बचा पा रहे हैं, तो हम स्कूल के छोटे बच्चों से कैसे यह उम्मीद कर सकते हैं. उनका कहना है कि बच्चे अभी घरों में हैं, जिस दौरान वो पूरी तरह से मास्क नहीं लगा पाते, तो स्कूलों में 8 घंटे कैसे मास्क लगा पाएंगे. उनका कहना है 'स्कूल में किस तरह से सोशल डिस्टेंस मेंटेन करवा पाएंगे क्योंकि हर क्लास में कम से कम 40 से 50 के बीच में बच्चे होते हैं. वहीं दूसरी ओर जो स्कूल अथॉरिटीज है वह कहां तक एक-एक बच्चे पर निगरानी रख पायेगी. उसकी सुरक्षा का ख्याल रख पाएगी. इसलिए हमारे संघ की यही मांग है कि इस साल जीरो ईयर घोषित करते हुए सभी बच्चों को प्रमोट कर देना चाहिए.'


स्कूल खोले जाने की पूरी है तैयारीः एक्शन कमेटी अनएडिड प्राइवेट स्कूल


एक्शन कमेटी में एडिट प्राइवेट स्कूल के प्रतिनिधि का कहना है कि अगर स्कूलों को खोला जाता है तो स्कूल प्रबंधन पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं. हर स्कूल में इसे लेकर जोर शोर से तैयारियां भी चल रही हैं. साथ ही कई तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं. जिसमें इस चीज का ख्याल रखा जा रहा है कि अगर स्कूल खुलते हैं तो किस तरह से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखना है और कैसे उनको क्लास में पढ़ाना है, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है. प्रतिनिधि के अनुसार उनके संगठन के साथ लगभग 2000 स्कूल जुड़े हुए हैं और सभी स्कूल प्रबंधकों के साथ उनकी बैठक चलती है. स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा की बात करें तो इस पर विचार किया जा रहा है कि किस तरह से एक क्लास में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए बच्चों को बुलाना है. उनका कहना है दिल्ली में स्कूलों को खोले जाने के लिए ऑड-ईवन पर भी विचार किया जा सकता है. उनका कहना है कि पेरेंट्स के अनुसार अगर सरकार भी जीरो ईयर का निर्णय लेती है हम लोग उसके साथ ही रहेंगे.


हर फ्लोर पर होगी सैनिटाइजेशन मशीनः प्रिंसिपल, माउंट आबू स्कूल


दिल्ली के रोहिणी में माउंट आबू स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोरा का कहना है 'अभी सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन ऐसा सुनने में आ रहा है शायद अगस्त या सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं. हम इसके लिए पूरी तरह से तैयारी कर रहे हैं और हमने इसको लेकर एसओपी भी तैयार किया है.' उनका कहना है 'कहीं न कहीं सभी के मन में एक तनाव भी है, एक डर भी है कि अगर स्कूल खोले जाते हैं तो बच्चे कैसे सुरक्षित रहेंगे. इसको लेकर हम लगातार काम कर रहे हैं. हम हर फ्लोर पर सैनिटाइजेशन मशीन रखेंगे जो ऑटोमेटिक होगी या फिर फुट पेडल से काम करेगी ताकि किसी को उसमें हाथ लगाने की आवश्यकता न पड़े. इसके अलावा स्कूल क्लास को दिन में दो बार सेनिटाइज किया जाएगा. सोशल डिस्टनसिंग का पालन कैसे करवाना है, उसके लिए हम तैयारी कर रहे है.'