नई दिल्ली: 24 मार्च को लागू किए गए लॉकडाउन के बाद आज से धार्मिक स्थल मंदिर, मस्जिद गुरुद्वारे खोल दिए गए हैं. देश भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. लेकिन मंदिरों की तस्वीर अब पहले जैसी नहीं दिखेगी. मंदिरों में ना तो अब प्रसाद मिलेगा ना चरणाअमृत और ना ही भक्तों को फूल चढ़ाने की इजाजत होगी. इतना ही नहीं मेंदिर में मूर्तियों को छूने की भी मनाही है और मंदिर की घंटियों को भी पैक कर दिया गया है.
नियमों के तहत, किसी भी धार्मिक या पूजा स्थल में एक स्थान पर 5 से अधिक श्रद्धालुओं के एकत्रित होने पर मनाही होगी. इसके अलावा, प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु-रहित करने के लिए एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाए. साथ ही, धार्मिक स्थल आने वाले श्रद्धालुओं का टैंपरेचर नापने के लिए इंफ्रारेड थर्मामीटर की भी व्यवस्था की गई है. तो आइए जानते हैं लंबे अंतराल के बाद मंदिरों में कैसा नजारा रहा और श्रद्धालुओं ने क्या कहा....
दिल्ली: छत्तरपुर मंदिर में भक्त पूजा करते हुए दिखे. सरकार ने आज से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है. मंदिर में प्रवेश के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिसका लोग पालन कर रहे हैं.
लखनऊ में सरकार द्वारा देशभर में आज से मंदिर खुलने की अनुमति मिलने के बाद हनुमान सेतु मंदिर के बाहर भक्त पूजा करने पहुंचे. एक भक्त ने बताया कि लॉकडाउन के बाद आज पहली बार मंदिर खुला है तो बहुत अच्छा लग रहा है यहां बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है सामाजिक दूरी और सैनिटाइजर का प्रयोग किया गया है.
उत्तराखंड सरकार ने आज से सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक पूजा स्थलों को खोलने की अनुमति दी है. हालांकि, राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति नहीं है. देहरादून में माता वैष्णो देवी गुफ़ा योग मंदिर में पूजा की गई. सीमित संख्या में वहां भक्त दिखाई दिए.
दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालने करते हुए लोग दर्शन करते दिखे. मंदिर प्रशासन इसके लिए सारी समुचित व्यवस्थाएं की हैं.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा और मनोकामना हनुमान मंदिर अभी भी बंद हैं. जिसा मजिस्ट्रेट ने 2-3 सप्ताह तक धार्मिक स्थलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है. एक भक्त ने कहा, "पूजा स्थल आज से फिर से खुलने वाले थे लेकिन जब हम यहां आए तो हमें नए आदेश के बारे में पता चला."
पंजाब के हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर), अमृतसर में आज श्रद्दालुओं ने माथा टेका. एक श्रद्दालु ने कहा, "हम सभी को सामाजिक सुरक्षा मानदंडों का पालन करना चाहिए और मास्क पहनने के साथ ही हाथों को बार-बार साफ करने के लिए एहतियाती कदम उठाने चाहिए."
बेंगलुरु के बसावनागुड़ी में श्री डोड्डा गणपति मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें दिखीं. लोग बदली हुई व्यवस्था के साथ मंदिरों में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.
अहमदाबाद में इस्कॉन मंदिर में भी भक्तों की बीड़ दिखी. पुजारी ने बताया कि हमारे मंदिर के कुल चार गेट हैं जिसमें से सिर्फ दो गेट ही खोले गए हैं. टोकन के हिसाब से 25 लोग ही अंदर आ सकते हैं. अगर टोकन खत्म हो जाता है तो बाकि के लोग अपनी बारी का इंतजार करते हैं.
दिल्ली के लोधी रोड इलाके में साईं बाबा मंदिर भी भक्तों के लिए फिर से खुल गया. तमाम एहतियात के साथ लोग यहां दर्शन करते दिखे.
दिल्ली के कालका जी मंदिर में पूजा अर्चना की. सरकार ने आज से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है. स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के अनुसार, मूर्तियों / पवित्र पुस्तकों, गायकों / गायन समूहों आदि को छूने की अनुमति नहीं है.
अमृतसर के दुर्ग्याणा मंदिर में भक्त पूजा करते दिखे. मंदिर के पुजारी ने बताया,'सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस को हम फॉलो कर रहे हैं,हमारे मंदिर के बाहर डॉक्टरों की टीम बैठी हुई है जो थर्मल स्क्रीनिंग करके लोगों को मंदिर के अंदर आने देते हैं, यहां प्रसाद की व्यवस्था नहीं की गई है.'
मंगलवार को खुलेगा काशी विश्वनाथ मंदिर
वाराणसी में सोमवार के बाद ही सभी धार्मिक स्थल खुल सकेंगे. प्रशासन ने कोरोना संक्रमण से लोगों की सुरक्षा पर आधारित 24 बिंदुओं की चेक लिस्ट सभी थानों को उपलब्ध कराई है. धर्मस्थल के संचालकों को यह लिस्ट भर कर आठ जून तक संबंधित थाने में देनी होगी. इसके बाद मजिस्ट्रेट जांच कर धर्मस्थल खोलने की अनुमति देंगे. काशी विश्वनाथ मंदिर, दुर्गा मंदिर, संकटमोचन मंदिर समेत अन्य सभी धर्मस्थल मंगलवार से खुलने के आसार हैं.
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर 79 दिनों तक बंद रहने के बाद आज भक्तों के लिए खोल दिया गया. लेकिन भक्त अभी ऐसे ही अंदर नहीं जा सकेंगे उन्हें ऐप या टोल-फ्री नंबर के माध्यम से एक स्लॉट बुक करना होगा. श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर से हाथ धुलवाकर ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के सहायक प्रशासक एस के तिवारी ने कहा, "भक्तों को सुबह 6.30 से शाम 8.15 बजे के बीच मंदिर में दर्शन करने की अनुमति होगी." वे रविवार को बुकिंग शुरू करने के लिए एक ऐप और हेल्पलाइन नंबर शुरू करेंगे. हालांकि, भक्तों को भस्मारती अनुष्ठान में शामिल होने या गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
तिरुमाला का भगवान वेंकटेश्वर मंदिर
तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर भी खुल गया है. आज से दो दिनों तक ट्रायल रन होगा जिसमें केवल तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम के कर्मचारियों को अनुमति दी जाएगी.
10 जून को, मंदिर प्रशासन केवल तिरुमाला के निवासियों को अनुमति देगा. 11 जून से, कंटेनमेंट जोन के लोगों को छोड़कर देश भर के भक्तों को प्रवेश की अनुमति होगी. हर घंटे 500 भक्तों के साथ प्रतिदिन केवल 6,000 भक्तों को ही अनुमति दी जाएगी.
यूपी सरकार ने भी दी इजाजत
इसके अलावा यूपी सरकार भी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन प्रमुख मंदिर प्रशासन के पास मंदिरों को खोलने की अलग योजना है. वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर सोमवार को खुलेगा, मथुरा में मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि वे तब तक नहीं खोल सकते जब तक उन्हें पुलिस सुरक्षा नहीं मिलती.
केंद्र सरकार ने इसके लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनका हर हाल में पालन करना होगा.
अयोध्या में हनुमानगढ़ी मंदिर, राम लल्ला के दर्शन भी कर पाएंगे भक्त
अयोध्या में, प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर खोल दिया गया है और भक्त राम लल्ला के दर्शन भी कर सकते हैं. राज्य सरकार द्वारा निर्देश जारी किए गए थे कि प्रवेश द्वार पर सभी धार्मिक स्थलों पर हैंड सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर होना चाहिए ताकि भक्तों को तापमान या ऑक्सीजन के स्तर के लिए स्कैन किया जा सके.
धार्मिक स्थलों के लिए गाइडलाइंस
- धार्मिक स्थल स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क कर सभी निर्देशों का पालन करेंगे.
- धार्मिक स्थल में एक बार में 5 से ज़्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते.
- अल्कोहल युक्त सेनिटाइज़र और थर्मल स्कैनर रखना अनिवार्य होगा.
- जिनमें लक्षण नहीं पाया जाएगा, उसी को प्रवेश मिलेगा. साथ ही सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- जूते चप्पल या तो गाड़ी में छोड़कर आएं या फिर चप्पल स्टैंड की व्यवस्था होनी चाहिए.
- धार्मिक स्थल पर कोविड से बचने के लिए घोषणा की जानी चाहिए.
- एसी चलाए जा सकते हैं लेकिन टेम्परेचर 24 से 30 डिग्री के बीच होनी चाहिए.
- मूर्तियों को छूने की अनुमति नहीं होगी. प्रसाद वितरण नहीं होगा. समूह गायन की जगह रिकॉर्ड बजाय जाएगा.
- धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए ऐसे परिसरों में भौतिक दूरी और अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाएगा.
- धार्मिक स्थलों में गायन समूहों को अनुमति नहीं मिलेगी. हालांकि इसकी जगह रिकॉर्डेड भजन बजाए जा सकते हैं.
- सामूहिक प्रार्थना से बचना होगा. इस दौरान बहुत अधिक लोग इकट्ठा हो जाते हैं.
- प्रसाद वितरण और गंगा जल के छिड़काव जैसी चीजों को अनुमति नहीं मिलेगी.
- धार्मिक स्थलों पर प्रतिमाओं और पवित्र पुस्तकों को छूने पर पाबंदी
- मंदिर-मस्जिदों और गिरिजाघरों में प्रवेश के लिए लगी लाइन में लोगों के बीच कम से कम छह फुट की भौतिक दूरी रखी जाएगी.
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