Unmarried Youth: सर्वे का खुलासा, युवाओं को पसंद है अनमैरिड रहना, J&K है इस मामले में अव्वल
Unmarried Youth: भारत में बीते कुछ वर्षों में अविवाहितों युवा की आबादी में इजाफा दर्ज किया गया है. आठ सालों में ही ये आकंड़ा बढ़कर 23 फीसदी तक जा पहुंचा है.
Unmarried Youth In India: देश में बीते कुछ वर्षों में अविवाहित युवाओं की संख्या में इजाफा हुआ है. सरकार की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक देश में 15-29 वर्ष के आयु वर्ग के अविवाहित व्यक्तियों का अनुपात 2019 में बढ़कर 23 फीसदी हो गया. ये जो 2011 में 17.2 फीसदी था. ये रिपोर्ट राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जारी की है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय रिपोर्ट का खुलासा
राष्ट्रीय युवा नीति-2014 (National Youth Policy-2014) के अनुसार देश में 15 से 29 वर्ष की आयु के लोगों को युवा के रूप में बांटा गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Office of National Statistics) की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ऐसे पुरुषों की आबादी 2011 में 20.8 फीसदी थी, जिन्होंने कभी शादी नहीं की थी. यह अनुपात 2019 में बढ़कर 26.1 फीसदी हो गया है. सर्वेक्षण (Survey) के मुताबिक कभी शादी नहीं करने वाली महिलाओं के अनुपात में भी इसी तरह की वृद्धि दर्ज की गयी है. सर्वेक्षण के मुताबिक, अविवाहित महिलाओं का अनुपात 2011 में 13.5 फीसदी था, जो 2019 में बढ़कर 19.9 फीसदी हो गया.
जम्मू-कश्मीर है अविवाहित युवाओं की संख्या में अव्वल
सर्वेक्षण के अनुसार, देश में 2019 में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में ऐसे युवाओं (Youths ) का फीसदी सबसे अधिक था, जिन्होंने कभी शादी नहीं की थी. उसके बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) दूसरे, दिल्ली तीसरे और पंजाब चौथे नंबर पर रहा. वहीं, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में देश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा शादी नहीं करने वाले युवाओं का फीसदी सबसे कम था.हालांकि, रिपोर्ट में अविवाहित युवाओं की आबादी बढ़ने का कारण नहीं बताया गया है.
हालांकि, सर्वेक्षण में यह कहा गया है कि देश में युवा आबादी मौजूदा समय में बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन 2011-2036 की अवधि के उत्तरार्ध में इसमें गिरावट शुरू हो जाएगी. देश में 1991 में कुल युवा आबादी 22.27 करोड़ थी, जो 2011 में बढ़कर 33.34 करोड़ हो गई और इसके 2021 तक 37.14 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान था. उसके बाद यह 2036 तक घटकर 34.55 करोड़ हो जाएगी.
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