Unnao Case: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक 22 साल की दलित लड़की (Dalit Girl) के लापता होने के दो महीने बाद पुलिस (UP Police) ने राज्य के एक पूर्व मंत्री के बेटे के आश्रम के पास से उसका शव बरामद किया है. अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में लड़की के साथ दरिंदगी का खुलासा हुआ है. वहीं इस पूरे मामले के सामने आने के बाद राजनीतिक दलों में जुबानी जंग शुरू हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि ये उत्तर प्रदेश के लिए ये कुछ नया नहीं है.


प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि, "उन्नाव में जो घटा वो उत्तर प्रदेश में नया नहीं है. एक दलित लड़की की मां अपनी बेटी का पता लगाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटती रही अंत में उसको अपनी बेटी का शव मिला. प्रशासन ने उसकी एक नहीं सुनी. बीजेपी को इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय जवाब देना चाहिए कि प्रशासन क्यों उस मां को जनवरी से दौड़ाता रहा? किसने इस बिटिया की मां की गुहार नहीं सुनी?"






वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "जी आप अपने भाषणों में कानून व्यवस्था की बात करना छोड़ दीजिए. आपके प्रशासन में महिलाओं को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, महिलाओं पर अत्याचार होने पर उनकी आवाज सुनी ही नहीं जाती. महिलाओं पर अत्याचार कर उनकी हत्या कर दी जाती है और आप झूठे दावों में व्यस्त रहते हैं."


अंतिम संस्कार नहीं कर रहे परिजन


इस बीच दलित लड़की के शव का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका है. परिजन कई मांगो को लेकर घाट पर बैठे हैं. यहां कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवार भी मौजूद हैं. इतना ही नहीं घाट पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसीपी और 5 थानों की पुलिस फोर्स भी मौजूद है. पुलिस के मुताबिक लड़की के कथित अपहरण के मामले में सपा के पूर्व मंत्री दिवंगत फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह को 24 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. 25 जनवरी को लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने महिला की मां ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी. महिला की मां ने पुलिस पर विशेष रूप से स्थानीय एसएचओ अखिलेश चंद्र पांडेय पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है.


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