लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर एसएसपी ऑफिस से बिना सरेंडर किए वापस लौट आए. एसएसपी ने कहा है कि जब मामला दर्ज नहीं है तो सेंगर सरेंडर कैसे करेंगे. वहीं सेंगर ने कहा कि मैं एसएसपी दफ्तर ये बताने आया था कि मैं भगोड़ा नहीं हूं. इससे पहले सेंगर अपनी बीमार पत्नी को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि सेंगर पर आपराधिक साजिश का मामला दर्ज हो सकता है. वहीं, एसआईटी ने माना है कि पीड़ित के पिता के केस में पुलिस ने लापरवाही बरती थी. बता दें कि इस केस में विधायक का भाई अतुल सेंगर गिरफ्तार हो चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी. कल इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई करेगा.
आरोप है कि विधायक होने की वजह से पहले कुलदीप सेंगर के खिलाफ न केस दर्ज हुआ, न पीड़ित परिवार को सुरक्षा मिली और पीड़ित के पिता की हत्या हो गई. गृह मंत्रालय ने भी इस केस की रिपोर्ट मांगी है.
आपसी रंजिश के चलते आरोप लगाए जा रहे हैं- आरोपी विधायक
अपने ऊपर लग रहे आऱोपों पर एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में विधायक कुलदीप सेंगर ने कहा है, ''मेरे ऊपर लगे सभी आरोप गलत हैं. चाहे सीबीआई से जांच करा लो. लड़की ने जो आरोप लगाए वो बेबुनियाद हैं. मेरे ऊपर आपसी रंजिश के चलते आरोप लगाए जा रहे हैं.'' इससे पहले विधायक ने कहा था कि लड़की के चाचा गलत बयान दिलवा रहे हैं और परिवार का अपराधिक इतिहास रहा है.
कल हाईकोर्ट में सुनवाई
उन्नाव रेप मामले में पीड़िता की चिट्ठी पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच कल मामले की सुनवाई करेगी. कोर्ट ने यूपी सरकार से सुनवाई में पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके साथ ही एडवोकेट जनरल या एडिशनल एडवोकेट जनरल को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को भी कहा गया है.
हाईकोर्ट ने पीड़ित के पिता का अंतिम संस्कार न होने पर शव को सुरक्षित रखने को कहा है और अंतिम संस्कार पर भी रोक लगा दी है. बता दें कि पीड़ित महिला ने शिकायत की कॉपी हाईकोर्ट को भी भेजी थी.
क्या है पूरा मामला?
ये मामला यूपी के उन्नाव का है. जहां की एक लड़की ने बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया है. घटना पिछले साल जून की है. न्याय की मांग को लेकर आरोप लगाने वाली लड़की ने सीएम योगी के घर के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी. इसी महीने की तीन तारीख को पीड़िता के पिता की जेल में संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी. पीड़ित ने विधायक कुलदीर सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.
कौन हैं कुलदीप सेंगर?
अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में सेंगर कांग्रेसी थे. 2002 के चुनावों से पहले उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया और कांग्रेस के प्रत्याशी को बड़े अंतर से हरा दिया. 2007 आते-आते उनकी छवि बाहुबली की बन गई थी. पार्टी की इमेज की खातिर माया ने उन्हें साइडलाइन कर दिया. तो उन्होंने सपा का दामन थाम लिया.
2007 में एक बार फिर वह विधायक बन गए. 2012 में भी सपा के टिकट पर उन्होंने चुनाव जीता और 2017 में बीजेपी के टिकट पर वह विधायक बन गए. यानि 2002 से वो लगातार विधायक हैं और अपने राजनीतिक करियर में यूपी की सभी अहम पार्टियों में रहे हैं. 2002 से 2017 के बीच वो बीएसपी, एसपी से विधायक रहे हैं और अभी बीजेपी से विधायक हैं.
चुनावों का हिसाब किताब रखने वाली वेबसाइट myneta.info के मुताबिक 2007 के हलफनामे में उनकी संपत्ति 36,23,144 थी जो 2012 में बढ़ कर 1,27,26,000 हो गई और 2017 में यह आंकडा 2,90,44,307 हो गया. 12वीं पास सेंगर पर एक आपराधिक मामला भी है.