लखनऊ/इलाहाबाद: उन्नाव गैंगरेप कांड की जांच सीबीआई ने मंजूर कर ली है. आज ही सरकार ने इस केस की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. इस मामले में योगी सरकार सवालों के घेरे में है.  योगी सरकार ने आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया, लेकिन न तो विधायक की गिरफ्तारी हुई और न ही कोई पूछताछ. हाईकोर्ट के कड़े रुख के बावजूद भी योगी सरकार ने आरोपी विधायक दिलीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया. इस मामले में हाईकोर्ट कल दोपहर दो बजे अपना फैसला सुनाएगी.

बता दें कि इस मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने योगी सरकार को एक घंटे के अंदर ये बताने को कहा कि आऱोपी विधायक को गिरफ्तार करेंगे या नहीं. इसपर योगी सरकार ने कहा है विधायक के खिलाफ सबूत नहीं हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती.

कल फैसला सुनाएगा इलाहाबाद हाईकोर्ट

इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या दूसरे मामलों में भी पुलिस सबूत का इंतजार करती है? फिलहाल इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट कल दो बजे अपना फैसला सुनाएगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्नाव गैंगरेप पर बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी.

आपको बता दें कि यूपी के डीजीपी ने कहा था कि मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है इसलिए गिरफ्तारी पर फैसला सीबीआई ही लेगी. बता दें कि पीड़िता की मां की तहरीर पर उन्नाव के माखी थाने में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. विधायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366, 376 ,506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया गया है.


क्या है पूरा मामला?

ये मामला यूपी के उन्नाव का है. जहां की एक लड़की ने बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया है. घटना पिछले साल जून की है. न्याय की मांग को लेकर आरोप लगाने वाली लड़की ने सीएम योगी के घर के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी. इसी महीने की तीन तारीख को पीड़िता के पिता की जेल में संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी. पीड़ित ने विधायक कुलदीर सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.

कौन हैं कुलदीप सेंगर?

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में सेंगर कांग्रेसी थे. 2002 के चुनावों से पहले उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया और कांग्रेस के प्रत्याशी को बड़े अंतर से हरा दिया. 2007 आते-आते उनकी छवि बाहुबली की बन गई थी. पार्टी की इमेज की खातिर माया ने उन्हें साइडलाइन कर दिया. तो उन्होंने सपा का दामन थाम लिया.

2007 में एक बार फिर वह विधायक बन गए. 2012 में भी सपा के टिकट पर उन्होंने चुनाव जीता और 2017 में बीजेपी के टिकट पर वह विधायक बन गए. यानि 2002 से वो लगातार विधायक हैं और अपने राजनीतिक करियर में यूपी की सभी अहम पार्टियों में रहे हैं. 2002 से 2017 के बीच वो बीएसपी, एसपी से विधायक रहे हैं और अभी बीजेपी से विधायक हैं.

चुनावों का हिसाब किताब रखने वाली वेबसाइट myneta.info के मुताबिक 2007 के हलफनामे में उनकी संपत्ति 36,23,144 थी जो 2012 में बढ़ कर 1,27,26,000 हो गई और 2017 में यह आंकडा 2,90,44,307 हो गया. 12वीं पास सेंगर पर एक आपराधिक मामला भी है.