नई दिल्ली: उन्नाव रेपकांड को लेकर राजनीति गर्म है. योगी सरकार पर विधायक को बचाने का आरोप लग रहा है. इस मामले पर आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी मोदी जी जल्द उपवास रखेंगे. वहीं इस मामले पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि इस मामले को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.


राहुल गांधी ने आज ट्वीट किया, ‘’यूपी में अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार कर रहे एक पिता पर हुई बर्बरता ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. आशा है कि प्रधानमंत्रीजी बीजेपी शासन में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, कानून तंत्र की विफलता और बढ़ती अराजकता के लिए भी जल्द ही उपवास रखेंगे.’’





कैलाश विजयवर्गीय ने क्या कहा है?


इस मामले पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है. जो भी दोषी होगा, उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है.



कल हाईकोर्ट में सुनवाई


उन्नाव रेप मामले में पीड़िता की चिट्ठी पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच कल मामले की सुनवाई करेगी. कोर्ट ने यूपी सरकार से सुनवाई में पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके साथ ही एडवोकेट जनरल या एडिशनल एडवोकेट जनरल को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को भी कहा गया है.


हाईकोर्ट ने पीड़ित के पिता का अंतिम संस्कार न होने पर शव को सुरक्षित रखने को कहा है और अंतिम संस्कार पर भी रोक लगा दी है. बता दें कि पीड़ित महिला ने शिकायत की कॉपी हाईकोर्ट को भी भेजी थी.


 योगी जी बेटी बचाएंगे या विधायक?


आरोप है कि विधायक होने की वजह से पहले कुलदीप सेंगर के खिलाफ न केस दर्ज हुआ, न पीड़ित परिवार को सुरक्षा मिली और पीड़ित के पिता की हत्या हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच के लिए SIT बना दी है. वहीं, गृह मंत्रालय ने इस भी केस की रिपोर्ट मांगी है.


कानून क्या कहता है?


उन्नाव बलात्कार कांड को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं आपको बताते हैं कि इस मुद्दे पर संविधान और संविधान की मूल भावना से बना कानून कहता है, ‘’नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. सीआरपीसी की धारा 154 के मुताबिक बलात्कार के केस में तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच होनी चाहिए. जरूरत पड़ने पर तुरंत गिरफ्तारी भी होनी चाहिए.’’