नई दिल्ली: उन्नाव कांड पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज इस केस जुड़े सभी मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर करने की मंशा जताई. कोर्ट ने सीबीआई के किसी ज़िम्मेदार अधिकारी को मुकदमों के ब्यौरे के साथ 12 बजे पेश होने के लिए कहा है. इस मामले में कुल चार मुकदमों का हवाला दिया गया, जिसमें बलात्कार का मामला और हाल में हुए सड़क हादसे का मामला भी शामिल है. इसके साथ ही दो और मामले भी हैं.


कोर्ट ने पहले पूछा कि क्या सारे मामले सीबीआई को ट्रांसफर कर दिए गए हैं, इसकी जानकारी लेने के बाद सीजेआई ने सारे केस दिल्ली ट्रांसफर करने की बात कही. कोर्ट ने कहा कि हम सारे मामलों की जानकारी चाहते हैं, इसके साथ ही कहा गया कि अगर कोई ऐसी बात होती है जिसे खुली अदालत में नहीं कहा जा सकता तो उसके लिए कोर्ट बंद दरवाजे के पीछे सुनवाई के लिए भी तैयार है.


पीड़िता की चिट्ठी नहीं मिलने पर CJI ने जताई थी नाराजगी
पीड़िता की सीजेआई को लिखी ना मिलने पर भी सीजेआई ने कल नाराजगी जाहिर करते हुए रजिस्ट्री से सवाल किया था. पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को 12 जुलाई को चिट्ठी लिखी थी लेकिन ये चिट्ठी मुख्य न्यायधीश तक पहुंची ही नहीं. सीजेआई ने कहा कि मीडिया में रिपोर्ट्स हैं कि मैंने चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि ये चिट्ठी मुझे मिली ही नहीं. सीजेआई के अलावा पीड़ित परिवार ने अपनी जान की सुरक्षा के लिए कुल 33 चिट्ठियां लिखीं. प्रधानमंत्री मोदी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, मुख्यमंत्री, गृह सचिव, डीजीपी, उन्नाव के डीएम, उन्नाव के एसपी शामिल हैं. 33 चिट्ठिओं के बाद भी पीड़िता की सुरक्षा के लिए कहीं मदद का कोई हाथ नहीं उठा.


सीबीआई ने दर्ज की नई एफआईआर, तफ्तीश शुरू
उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने घटनास्थल पर पहुंचकर काम भी शुरू कर दिया है, बुधवार को 3 सदस्यों की सीबीआई की टीम ने घटनास्थाल का मुआयना किया. सीबीआई ने जेल में बंद विधायक कुलदीप सेंगर, उसके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. कुलदीप सेंगर के खिलाफ हत्या और आपराधिक षडयंत्र का केस दर्ज किया है, साथ ही 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.


खबर है कि सीबीआई जेल में बंद विधायक से पूछताछ कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई मुख्यालय ने साफ तौर पर निर्देश दिए है कि इस हादसे के पीछे क्या षडयंत्र था इसकी कड़ी से कड़ी जोडी जाए औऱ जरूरत पडने पर जेल में बंद विधायक से भी पूछताछ की जाए. सीबीआई ने इसके लिए एक व्यापक योजना तैयार की है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वैज्ञानिक सबूत जुटाने के बाद ट्रक मालिक से पूछताछ होगी और पीड़िता या उसके वकील के होश में आने के बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे. पीडिता की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी के बयान दर्ज किए जाएंगे. सुरक्षाकर्मियों से पूछा जाएगा कि वे पीड़िता के साथ क्यों नहीं गए और साथ ना जाने की जानकारी क्या अधिकारियों को दी थी.


जमकर हो रही राजनीति, योगी सरकार को घेर रहा विपक्ष
उन्नाव केस को लेकर कांग्रेस, बीएसपी और समाजवादी पार्टी सब बीजेपी और योगी सरकार को घेर रही हैं. पीड़िता को न्याय की मांग को लेकर संसद के भीतर तमाम विपक्षी पार्टियों ने प्रदर्शन किया. कांग्रेस से लेकर आप तक बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने से चूक नहीं रही. लगातार दूसरे दिन पीड़िता को अस्पताल में देखने गए अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाए.


सोनभद्र मामले से लगातार योगी सरकार को घेर रही प्रियंका गांधी ने एक बार फिर उन्नाव केस को लेकर ट्वीट किया, ''उन्नाव बलात्कार मामला और पीड़िता के पूरे परिवार को प्रताड़ित करना सत्ता के सरंक्षण के बिना सम्भव नहीं, अब परतें खुल रही हैं और बीजेपी नेताओं के नाम और पुलिस की लीपापोती सामने आ रही है. कांग्रेस न्याय के लिए प्रतिबद्ध है. ये लड़ाई हम मज़बूती से लड़ेंगे.''