UNSC:  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद रोधी समिति (CTC) ने शनिवार (29 अक्टूबर) को सदस्य देशों से कहा कि वो अपने देशों में आतंकी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त न करें. भारत में आयोजित दो दिवसीय स्पेशल कॉन्फ्रेंस में मौजूद सभी देशों ने आतंकवाद से और मजबूती से निपटने का संकल्प लिया.


इस बैठक में दिल्ली घोषणापत्र (Delhi Declaration) को स्वीकृत करते हुए आतंकवाद की चुनौतियों और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने में काउंसिल की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध किया गया.


दिल्ली घोषणापत्र में शामिल बातें


दिल्ली घोषणापत्र में, वैश्विक संस्था ने आतंकी उद्देश्यों के लिए सोशल मीडिया मंचों सहित इंटरनेट और अन्य संचार प्रौद्योगिकियों के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई. काउंसिल ने कहा कि ‘क्राउड फंडिंग’ मंचों जैसे फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में हुए इनोवेशन ने आतंकवादियों को फंडिंग का खतरा पैदा किया है. साथ ही, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर हमले के लिए आतंकवादियों के तरफ से मानव रहित हवाई सिस्टम के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की.


कानून के पालन करने का अनुरोध


आतंकवाद रोधी समिति (CTC) ने मेंबर देशों से आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने और मानवाधिकार कानून सहित अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत अपनी जिम्मेदारी का नियमित पालन करने का अनुरोध किया. बैठक में, आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न प्रस्तावों के पूर्ण और  प्रभावी अनुपालन के जरिये तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत को रेखांकित किया गया.


आतंकवाद सबसे गंभीर खतरा


काउंसिल ने यह बात दोहराई कि आतंकवाद अपने सभी रूप में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है और दुनिया के स्तर पर इस बुराई से लड़ने की पूरी कोशिश को प्रभाव के साथ बढ़ाने में योगदान देने का संकल्प लिया. CTC ने कहा कि "आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ना चाहिए". काउंसिल के मेंबर देशों से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौता के प्रति अपनी कोशिशें जारी रखने की अपील की.


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