UNSC की काउंटर टेररिज्म कमेटी की बैठक मुंबई के होटल ताज में ही क्यों? 26/11 हमलों का जिक्र कर अधिकारी ने दिया जवाब
UNSC Meeting News: संयुक्त राष्ट्र की इस समिति की अध्यक्ष रुचिरा कंबोज ने कहा कि बैठक में आतंकवादियों के इंटरनेट, नई भुगतान प्रणालियों के उपयोग से निपटने के तरीकों समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी.
UNSC Counter-Terrorism Meeting: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद निरोधी बैठक मुंबई (Mumbai) और दिल्ली (Delhi) में आयोजित की जाएगी. संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति भारत में अपने आगामी सम्मेलन में आतंकवादी संगठनों के इंटरनेट, नई ऑनलाइन भुगतान प्रणालियों और ड्रोन के उपयोग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करेगी. पहले दिन का सम्मेलन 28 अक्टूबर को मुंबई के ताज होटल में होगा, वहीं दूसरे दिन की चर्चा 29 अक्टूबर को नई दिल्ली में होगी.
मुंबई का ताज होटल 2008 के आतंकवादी हमले के स्थलों में से एक है. समिति ने मुंबई में बैठक आयोजित करने का फैसला क्यों किया, इस पर विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा कि यूएनएससी-सीटीसी भारत में ये दो दिवसीय आतंकवाद रोधी सम्मेलन आयोजित कर रही है जिसकी शुरूआत 28 अक्टूबर को मुंबई से होगी. शहर हाल के वर्षों में आर्थिक विकास के मामले में 'भारत के सर्वश्रेष्ठ' को दर्शाता है, खासकर 2008 में जो हुआ उसके बाद.
26/11 आतंकी हमले के पीड़ितों को देंगे श्रद्धांजलि
वर्मा ने कहा कि मुंबई में 2008 में जो हुआ वह वित्तीय और वाणिज्यिक क्षेत्र में भारत की पहचान पर हमला था. 28 अक्टूबर को मुंबई में होटल ताजमहल पैलेस में 26/11 आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की जायेगी. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद रहेंगे. इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल होंगे.
वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत और संयुक्त राष्ट्र की इस समिति की अध्यक्ष रुचिरा कंबोज ने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. कंबोज ने कहा कि बैठक में आतंकवादियों के इंटरनेट, नयी भुगतान प्रणालियों और ड्रोनों के इस्तेमाल से निपटने पर ध्यान दिया जाएगा.
आतंकवाद खतरा बना हुआ है- कंबोज
उन्होंने कहा कि पिछले 2 दशकों में, सदस्य देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने में ठोस प्रगति की है. फिर भी, आतंकवाद खतरा बना हुआ है और हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद विकसित हुआ है. प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रसार और डिजिटलीकरण में तेजी से वृद्धि के साथ, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती टेक्नॉलोजी का उपयोग चिंता का विषय बन गया है. कंबोज ने कहा कि आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं हो सकता और जो लोग इस तरह की बातें करते हैं, उनका अपना एजेंडा होता है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है. चाहे वह किसी स्थान पर हो और कोई भी अंजाम दे रहा हो.
कई देशों के विदेश मंत्री होंगे शामिल
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) वर्मा ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली, गेबन के विदेश मंत्री माइकल मूला अदामो समेत अन्य देशों के विदेश मंत्री भारत में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति के सम्मेलन में सम्मिलित होंगे. उन्होंने बताया कि मुंबई के बाद 29 अक्टूबर को नई दिल्ली में बैठक होगी जिसमें तीन बिन्दुओं पर आधारित एजेंडे पर चर्चा होगी. इसमें आतंकवादियों के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के दोहन से मुकाबला, आतंकवादियों के इंटरनेट एवं नये भुगतान के तौर तरीकों के दुरूपयोग से निपटने और ड्रोन सहित मानव रहित वाहन के उपयोग से निपटने को लेकर चर्चा होगी.
इस अवसर पर सीटीसी शाखा के प्रमुख डेविड सचारिया ने कहा कि नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकी के काफी लाभ है और कोविड काल में हमने इसका अनुभव किया है, लेकिन अगर यह आतंकवादियों (Terrorists) के हाथ में चली जाए तब इसका काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में सभी सदस्यों देशों ने अनुभव किया कि यह समय इस दिशा में कदम उठाने का है और इस दिशा में हमारे सभी प्रयास वैश्विक होने चाहिए.
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