Rushira Kamboj In UNSC: भारत ने पिछले हफ्ते ही दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता ग्रहण की. इस बीच इराक (Iraq) में आंतकवादी गतिविधियों को लेकर यूएनएससी (UNSC) की अहम बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) कहा कि आतंकवाद अपने सभी रूपों में वैश्विक चुनौती बना हुआ है और आतंकवाद के खिलाफ केवल जीरो टॉलरेंस का नजरिया ही इसे पराजित कर सकता है.
रुचिरा कंबोज ने यूएनएससी में आतंकवाद को लेकर भारत का पक्ष रखते हुए कहा, "हमारा मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई की विश्वसनीयता तभी मजबूत हो सकती है, जब हम आतंक के गंभीर और अमानवीय कृत्यों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित कर सकें और साथ ही आतंकवाद को प्रोत्साहित, उसका समर्थन और उसको फंडिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकें. जैसा कि इराक के लोगों की सरकार ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत (IASESL) के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी हुई है. यह वैश्विक स्तर पर आतंक से लड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है."
आतंकवाद के खिलाफ दिया सख्त संदेश
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत ने भी 26/1 के हमले के बारे में बात की ओर कहा कि भारत का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की विश्वसनीयता तभी मजबूत हो सकती है, जब हम आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंक के गंभीर और अमानवीय हमलों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित कर सकें और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकें. इससे पहले रुचिरा कंबोज ने पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस और महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी से मुलाकात कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अध्यक्षता से पहले भारत की प्राथमिकताओं और अन्य कार्यक्रमों पर चर्चा की.
इराक में हालात गंभीर
इससे पहले सोमवार को इराक में आईएसआईएल आतंकी नेटवर्क से प्रभावित समुदायों के लिए न्याय दिलाना वहां संयुक्त राष्ट्र की जांच टीम का प्रमुख फोकस बना हुआ है. संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार क्रिश्चियन रिश्चर ने कहा कि इकट्ठा किए गए और विश्लेषण किए गए सबूतों, उनकी पिछली रिपोर्ट और संयुक्त राष्ट्र से शुरुआती निष्कर्षों की पुष्टि करते हैं. उन्होंने ईसाइयों के खिलाफ दासता और जबरन धर्मांतरण जैसे अपराधों का हवाला दिया. साथ ही वहां पर रासायनिक और कैमिकल हथियारों के विकास और इस्तेमाल करने की बात कही.
उन्होंने इराक में आईएसआईएल से संबंधित कई सामूहिक कब्रों की खुदाई पर प्रकाश डाला और विस्तार से बताया कि यूएन आईटीएडी ने इराक में मानव अवशेषों की पहचान के अभियान के लिए वहां रहने वाल यजीदी समुदाय से डेटा और डीएनए नमूने इकट्ठा करने के लिए जर्मनी के साथ सहमति व्यक्त की है.
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