बेमौसम बरसात ने महाराष्ट्र के किसानों पर ढाया कहर, कपास, अरहर और गेहूं की फसलों को पहुंचा है नुकसान
बारिश के साथ आसमान से गिरे ओले किसानों के दिल पर पत्थर की तरह गिरे हैं. जिस फसल से किसान अपना पेटा पालना चाहता था उसको भारी नुकसान हुआ है. जिस फसल से किसान अपने परिवार को दो जून की रोटी देने की तैयारी में था उसपर बेमौसम बरसात ने कहर ढाया है.
मुंबई: महाराष्ट्र में हो रही बेमौसम बरसात से कही संतरे की खेती बर्बाद हो गयी तो कही कपास की खेती पर कहर टूटा है. अरहर के पेड़ो पर लगी फली बेकार हो गई. खेतो में गेहूं की खेती खड़ी होने से पहले ही खत्म हो गयी. महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में बेमौसम हुई बरसात ने यहां खेतो में खड़ी फसल को जैंसे रौंद दिया हो.
बारिश के साथ आसमान से गिरे ओले किसानों के दिल पर पत्थर की तरह गिरे हैं. जिस फसल से किसान अपना पेटा पालना चाहता था उसको भारी नुकसान हुआ है. जिस फसल से किसान अपने परिवार को दो जून की रोटी देने की तैयारी में था उसपर बेमौसम बरसात ने कहर ढाया है.
अमरावती के तमाम इलाके में बुद्धवार की रात से बारिश शुरू हुई. रात भर हुई बारिश के बाद जब किसान सुबह अपने खेतो पर गये तो जैसे उनके ऊपर पहाड़ टूट पड़ा हो. बेमौसम हुई बारिश से कपास, अरहर और गेहूं की खेती को काफी नुकसान हुआ है. यहां के किसानों की माने तो यहां सबसे ज्यादा अरहर की खेती को नुकसान हुआ है. पेड़ पर लगे अरहर की जो फली थी वो पकने की गगार पर थी लेकिन बारिश ने सब बर्बाद कर दिया.
नागपुर जिला के कई इलाकों में बारिश के साथ ओले पड़ने से यहां की खेती को ज्यादा नुकसान हुआ है. इन इलाकों में आसमान से जो ओले गिरे वो इतने बड़ी तादात में गिरे और इतने बड़े गिरे की तमाम जगहों पर संतरे के फल टूट कर जमीन पर गिर गये. यहां के किसानों की माने तो यहां सबसे ज्यादा नुकसान संतरे की खेती को हुआ है क्योंकि आसमान से गिरे बड़े बड़े ओले ने पूरी खेती को बर्बाद कर दिया है और जो फल पेड़ो पर लगे थे वो जमीन पर गिर चुके हैं. यहां भी कपास, गेहूं, अरहर की खेती का भी काफी नुकसान हुआ है. साल के अंतिम दिन 31 तारीख से यहां पर बारिश शुरू हुई, साथ में ओले पड़े और खेती का भारी नुकसान हुआ. मौसम विभाग के मुताबिक अभी भी यहां बारिश के आसार बने हैं.
नागपुर के साथ ही लातूर और वाशिम में भी बारिश ने दस्तक दे दी है. यहां रबी की फसल को काफी नुकसान हुआ है. इसे इलाके में प्याज की भी खेती होती है. बारिश की वजह से प्याज की भी खेती बर्बाद हुई है. मौसम विभाग की माने तो महाराष्ट्र के विदर्भ में 5 जनवरी तक ऐसा ही मौसम बना रह सकता है.
बर्बाद हो चुकी खेती के लिये किसी किसान ने कर्ज लिया था. किसी ने अपनी जमा पूंजी लगा थी. अब अपने फसल की ऐसी बर्बादी को देखकर यहां के किसानों की जान पर बन आयी है.