यूपी: सामने आया होमगार्ड्स की फर्जी ड्यूटी दिखाकर वेतन हड़पने का मामला, FIR दर्ज
घोटाला सामने आने के बाद एसपी सिटी ने होमगार्ड विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखने की संस्तुति की थी, लेकिन शासन ने अपने स्तर से भी जांच कराने का निर्णय लिया. अब इस मामले की जांच तीन सदस्यीय टीम कर रही है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर उनका वेतन हड़पने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में दो महीने की जांच के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. जिले में तैनात होमगार्ड विभाग के अफसरों पर यह आरोप लगने के बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. मामले की जांच के लिए शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है.
आशंका जताई जा रही है कि अगर एक जिले में इस तरह की गड़बड़ी हो रही है, तो अन्य जिलों में भी ऐसा संभव है. होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में होमगार्ड के वेतन का ऑडिट करवाया जाएगा और फर्जीवाड़े की जांच डीआईजी होमगार्ड करेंगे. इस मामले में पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह के निर्देश पर एफआईआर दर्ज करा दी गई है.
प्लाटून कमांडर ने की थी शिकायत
फर्जी मास्टर रोल, थाने की फर्जी मोहर की पोल एक प्लाटून कमांडर के शिकायती पत्र ने खोल कर रख दी. मामले की जांच एसएसपी के आदेश पर एसपी सिटी ने की तो पाया की यह पूरा खेल होमगार्ड विभाग के एक संगठित गिरोह के माध्यम से होता है. कुछ होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं आते, लेकिन होमगार्ड विभाग के अधिकारी थानों में उनकी उपस्थिति दिखाकर उनका वेतन निकाल लेते हैं.
एसएसपी ने बताया कि जांच कराई तो पता चला कि होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने जिले के थाना प्रभारियों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मुहर के सहारे इस घोटाले को अंजाम दिया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने शासन को पत्र लिखा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की. उनके द्वारा सरकार को पत्र लिखे जाने के बाद होमगार्ड महानिदेशक ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई है.
अन्य जिलों में भी होगी जांच
होमगार्ड विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार का कहना है, "अभी नोएडा में इस तरह की गड़बड़ी की सूचना मिली है. हो सकता है कि अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले हों, जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों की भी जांच कराई जाएगी."
उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड के सीनियर स्टाफ अफसर सुनील कुमार, मीरजापुर के वरिष्ठ जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह और बागपत की जिला कमांडेंट नीता भारती को जांच के लिए नोएडा भेजा गया है.
थाने की फर्जी मोहर का इस्तेमाल
नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया, "होमगार्ड विभाग के एक प्लाटून कमांडर ने इसकी शिकायत की थी. इसके बाद जिले स्तर पर सैंपल के लिए सात थानों में दो माह (मई व जून) के दौरान लगाई गई होमगार्डो की ड्यूटी की जांच कराई गई. इसमें करीब आठ लाख रुपये का घपला सामने आया."
उन्होंने कहा, "कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां थानों में दो होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई और 10 होमगार्ड की ड्यूटी दिखाकर वेतन लिया गया. इसके लिए थाने की फर्जी मोहर का इस्तेमाल किया गया."
उन्होंने कहा कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है, और इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है.
सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के मामले में एफआईआर दर्ज
नोएडा में होमगार्डो की फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के मामले में डीजीपी के निर्देश पर नोएडा में एफआईआर दर्ज हो गई है. वहीं होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने अहम बैठक बुलाई है. विधानसभा कार्यालय में बैठक में डीजीपी होमगार्ड को तलब किया गया है.
बता दें कि होमगार्डो की ड्यूटी रोजाना लगाई जाती है. इसके लिए होमगार्ड के अधिकारी मास्टर रोल तैयार करते हैं. इसी में खेल किया गया. अगर किसी थाने या ऑफिस में पांच होमगार्डो की जरूरत है, तो मास्टर रोल पर पांच के बजाय 10 या 12 होमगार्ड को ड्यूटी पर दिखाया जाता था. इसके लिए संबंधित थाने व दफ्तर की फर्जी मुहर इस्तेमाल की जाती थी. इसके एवज में उन होमगार्डो को भी कुछ पैसे मिलते थे, जिनका फर्जी मास्टर रोल पर नाम होता था.
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