मेरठ: उत्तर प्रदेश में मेरठ मंडल के बागपत में स्थित दिगम्बर जैन कॉलेज में स्थापित श्रुति देवी की प्रतिमा का कथित रुप से अपमान करने और संस्थान में तालाबंदी करने का मामला सामने आया है. हालांकि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने घटना के लिए जैन समाज से माफी मांग ली है. इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया था.


प्रमुख कार्यकर्ताओं की जानकारी के बिना हुई घटना- एबीवीपी


एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री राहुल कुमार वाल्मीकि ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रकरण के लिए क्षमा मांगते हुए कहा है कि यह घटना अज्ञानतावश और प्रमुख कार्यकर्ताओं की जानकारी के बिना हुई, और अभाविप इस तरह की घटना का लेशमात्र समर्थन भी नहीं करता है. वाल्मीकि के ट्वीट में कहा गया है ‘‘हम परिसर को शिक्षा का मंदिर मानते हैं और सभी पन्थों-परम्पराओं के प्रति श्रद्धा रखते हैं. अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् बागपत के कुछ कार्यकर्ताओं की भूल के लिए पुनः सम्पूर्ण जैन समाज से क्षमापार्थी है.’’


राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया था?


इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मूर्ति विवाद वाली वीडियो के साथ मशहूर शायर राहत इंदौरी की गज़ल की लाइने ट्वीट करके कहा, ‘’लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में, यहां पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है.’’





क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि मंगलवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने दिगंबर जैन महाविद्यालय में स्थापित प्रतिमा को कथित रूप से विवादित बताते हुए कालेज के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था और प्रबंधन समिति को सात दिनों का अल्टीमेटम देते हुए प्रतिमा को हटाने की मांग की थी. घटना को लेकर जैन समाज के लोगों ने जुलूस निकाल कर आक्रोश जताया और कॉलेज प्रबंधन समिति को एक ज्ञापन सौंप कर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


एबीवीपी के दस अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज


कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सिंह ने संस्थान में घुसकर तोड़-फोड़ की कोशिश करने, ताला तोड़कर अपना ताला लगाने और छात्र-छात्राओं और स्टाफ को बंधक बनाने की कोशिश करने आदि के आरोप में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी. बागपत के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया, ‘‘तहरीर के आधार पर तीन लोगों को नामजद कर एबीवीपी के दस अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.’’ प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र सिंह ने स्थानीय मीडिया को बताया कि यह प्रतिमा कॉलेज में चार साल पहले 2016 में स्थापित की गयी थी, जो जैन धर्म की प्रतीक मां श्रुति देवी की है.


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