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UP Election 2022: अंबेडकर नगर में कौन फहराएगा विजय पताका? नेताओं और जनता की राय में यूपी में किसकी बनेगी सरकार

UP Election 2022: अंबेडकर नगर में 5 विधानसभा सीटें हैं. अंबेडकर नगर को बीएसपी का गढ़ माना जाता रहा है. चुनाव से पहले बीजेपी, बीएसपी और एसपी के नेता एक दूसरे की सरकारों की आलोचना करने में जुटे हैं.

UP Election 2022: यूपी विधानसभा नजदीक है. ऐसे में अंबेडकर नगर नगर को लेकर चुनावी चर्चा जरूरी है. अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश के फैजाबाद संभाग का एक जिला है. अंबेडकर नगर को बीएसपी का गढ़ माना जाता रहा है. अंबेडकर नगर में 5 विधानसभा सीटें है, जिसमें दो बीजेपी के पास है और इस समय तीन सपा के कब्जे में है. आलापुर से विधायक अनीता कमल से एबीपी न्यूज़ संवाददाता ने विधानसभा चुनाव में मुद्दों को लेकर बात की. इस दौरान अनीता कमल ने कहा कि आम जनता में अब भय का माहौल नहीं है, भ्रष्ट्राचार काफी कम हो गया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का आतंक ज्यादा बढ़ गया था. इसलिए 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद प्रदेश में 2017 में योगी की सरकार बनी. 2022 में बीजेपी को सभी वर्गों का साथ मिलेगा. बीएसपी ने सिर्फ बाबा अंबेडकर के नाम पर वोट लेने का काम किया. लेकिन पीएम मोदी हर तबके के सपने को साकार करने में लगे हैं.

सियासी दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप

चुनावी यात्रा के दौरान एबीपी न्यूज़ संवाददाता ने बीएसपी के जिला अध्यक्ष अरविंद गौतम से भी बात की. बीएसपी नेता अरविंद गौतम ने कहा कि मायावती ने अपने शासन के दौरान जिन योजनाओं को लागू किया था उसे जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. हमारे विधायकों को तोड़ने का काम किया गया लेकिन पार्टी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. हमारा आधार वोट हमेशा बीएसपी के साथ रहता है. बीएसपी कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ती है. वहीं समाजवादी पार्टी के नेता राम मूर्ति वर्मा का कहना था कि बीजेपी के खिलाफ लोगों में गहरा आक्रोश है. बीजेपी के पतन का समय अब आ गया है. समाजवादी पार्टी की सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं, कन्या विद्या धन, बच्चों के लिए लैपटॉप, किसानों के लिए फ्री में पानी समेत बड़े पैमाने पर नौकरियां दी गई थी.

मैन्युफैक्चरिंग हब से कितने खुश हैं लोग

अंबेडकर नगर जिला यूपी का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है. बताया जाता है कि यहां एक महीने में 3 करोड़ मीटर कपड़ा बनाया जा सकता है. जिले में 'एक जनपद एक उत्पादन' के तहत लगातार 1.15 लाख बिजली करघे काम कर रहे हैं. कपड़ा उद्योग की वजह से यहां लोगों का जीवन बदल रहा है. कामगार बताते हैं कि इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान सरकार पूरी कोशिश कर रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस जिले के लोगों और बुनकरों को 16 करोड़ का कर्ज दिया गया है. लाखों लोग पहले ही जुड़ चुके हैं और कई शामिल हो रहे हैं. पावरलूम के माध्यम से कपड़ों का उत्पादन मुख्य रूप से अंबेडकर नगर के टांडा क्षेत्र में होता है. करीब 50 वर्षों से टांडा का लगभग हर परिवार किसी न किसी रूप में इस कार्य से जुड़ा हुआ है. पावरलूम कपड़ा उत्पादन लगभग 43000 कारीगरों को रोजगार प्रदान करता है. इन समूहों में शर्टिंग के कपड़े, इंटरलाइनिंग क्लॉथ, लुंगी, गमछा, अरबी रूमाल आदि का उत्पादन किया जाता है जो एक विस्तृत श्रृंखला में और प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध हैं. टांडा के कपड़े अब निर्यात किए जा रहे हैं.

महंगाई, बेरोजगारी समेत कई अहम मुद्दे

अंबेडकर नगर जिले में करीब 17 लाख वोटर है, जिसमें करीब 4-5 लाख मुसलमान समुदाय से हैं. ऐसे में इस जिले की हमेशा एक विशेषता रही है. यहां अधिकतर लोग कहते है और मानते है कि इस इलाके को पिछड़ा रखा गया है या पिछड़ेपन का हमेशा एक तमगा रहा है. स्थानीय लोगों ने कई मुद्दों को लेकर सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं. लोगों का कहना है कि आज किसानों को फसल से उसकी लागत भी नहीं निकल पा रही है. बेरोजगारी की समस्या काफी बढ़ रही है. महंगाई से आम जनता काफी परेशान है.

अंबेडकर नगर में करीब 17 लाख वोटर

2011 की जनगणना के अनुसार, अंबेडकर नगर जिले की आबादी लगभग 2,397,888 है. 2001-2011 के दशक में इसकी जनसंख्या वृद्धि दर 18.35% थी. अम्बेडकर नगर में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 976 महिलाओं का लिंगानुपात है. साक्षरता दर 74.37 प्रतिशत है. प्रत्येक ब्लॉक में जनसंख्या का वितरण भौतिक स्थितियों और सामाजिक-आर्थिक कारणों से नियंत्रित होता है. अकबरपुर ब्लॉक में अध्ययन क्षेत्र की आबादी का सबसे अधिक हिस्सा (16.56%) है, इसके बाद जलालपुर (13.80%), टांडा (12.32%), रामनगर (10.26%), कटेहरी (10.03%), भियाओं (9.78%) का नंबर आता है. बसखारी (9.53%), जहांगीरगंज (9.17%) और भीती (8.55%). जिले की आधिकारिक भाषाएं हिंदी और उर्दू हैं. 

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