UP Election 2022: तो क्या सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार अयोध्या से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव?
UP Election 2022: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अयोध्या में नौजवानों को स्मार्ट फोन और टैबलेट देंगे. अयोध्या से योगी के चुनाव लड़ने से पार्टी एक तीर से कई निशाने साध सकती है.
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UP Election 2022: यूपी में चुनाव की तारीख़ों का एलान चुनाव आयोग (Election Commission) कभी भी कर सकता है. चुनाव की तारीखों के एलान से ठीक पहले योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) फिर अयोध्या जा रहे हैं. इसीलिए इस बात की चर्चा फिर तेज हो गई है कि क्या अयोध्या (Ayodhya) से ही वे चुनाव लड़ेंगे? जहां भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. जिसका क्रेडिट बीजेपी की डबल इंजन वाली सरकार ले रही है. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वे इस बार चुनाव लड़ेंगे, ये तय है. लेकिन सीट का फ़ैसला पार्टी नेतृत्व करेगा. लेकिन कहा जा रहा है कि योगी के मन में तो अयोध्या हैं. अयोध्या के कई विधायक, सांसद और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भी यही मांग है. मुख्यमंत्री रहते हुए 5 सालों में गोरखपुर के बाद अगर किसी जगह का योगी ने सबसे अधिक दौरा किया है तो वो अयोध्या है.
क्या योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे?
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) आज अयोध्या में नौजवानों को स्मार्ट फोन और टैबलेट देंगे. चुनाव आचार संहिता कभी भी लग सकता है. इसीलिए जाते जाते योगी अपने अयोध्या को कुछ तोहफ़ा देना चाहते हैं. अयोध्या से उनका और उनके गोरखनाथ मंदिर का पुराना रिश्ता रहा है. योगी के गुरू महंत अवैद्यनाथ और महंत दिग्विजय नाथ से भी पुराना कनेक्शन रहा है. दोनों महंत राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे. अब जब अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है तो योगी यूपी के सीएम है. पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जब दो साल पहले पांच अगस्त को मंदिर का भूमि पूजन किया था तब भी योगी उनके साथ थे.
अयोध्या से चुनाव लड़ने के क्या हो सकते हैं फायदे?
बीजेपी संगठन की तरफ़ से अयोध्या के पार्टी नेताओं से योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने को लेकर फ़ीडबैक भी लिया गया है. अयोध्या से योगी के चुनाव लड़ने से पार्टी एक तीर से कई निशाने साध सकती है. पूर्वांचल के लिए तो पार्टी के पास वाराणसी से ख़ुद पीएम नरेन्द्र मोदी हैं. योगी के अयोध्या से क़िस्मत आज़माने से अवध इलाक़े में पार्टी और मज़बूत होगी. इसी बहाने नाराज़ ब्राह्मण समाज को भी अपना बनाने में आसानी होगी. सबसे बड़ा फ़ायदा तो योगी के साथ अयोध्या का नाम जुड़ते ही हिंदुत्व की धार और मज़बूत होगी. ये तो बीजेपी के लिए सोने पे सुहागा जैसा होगा. अयोध्या का जन प्रतिनिधि बन कर योगी देश भर में हिंदुत्व का माहौल बनाने में काम आएंगे. वैसे तो बीजेपी के कुछ नेता योगी आदित्यनाथ को मथुरा (Mathura) से चुनाव लड़वाने की मांग कर रहे हैं. पार्टी के सांसद हरनाथ यादव को तो भगवान श्री कृष्ण ने ऐसा उन्हें सपने में बताया. लेकिन कहा जा रहा है कि योगी की पहली पसंद तो अयोध्या है.
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