UP Election News: अमित शाह की रैली के बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) BJP से खफा नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कल आरक्षण की घोषणा न होने से मेरे लोग केवल निराश ही नहीं बल्कि नाराज़ हुए हैं. अमित शाह (Amit Shah) कम से कम कुछ तो बोल देते. जो मुद्दे 72 घंटे में हल हो सकते हैं, उसके लिए इतना वक्त क्यों? जो हमारे समाज का काम नहीं कर सकते तो समाज किस नाते वोट देगा?
उन्होंने भाजपा को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि BJP को अगर 2022 में सरकार चाहिए तो तत्काल हमारे मुद्दे हल होने चाहिए. इस संबंध में मेरी बातचीत हो चुकी थी, फिर भी एलान न किए जाने की वजह मैं समझ नहीं पाया. ओम प्रकाश राजभर क्या करते हैं, वो दुनिया देखती है. राजभर जब BJP में मंत्री थे तब उन्होंने मंच से इस्तीफ़ा क्यों नहीं दे दिया था?
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संजय निषाद ने कहा कि राजनीतिक फैसले मंच पर खड़े होकर नहीं किए जाते हैं. आज BJP जज की भूमिका में है और मैं वकील हूं. कल जब कोई दूसरा जज होगा तब देखा जाएगा. संजय निषाद ने कहा, ‘’हमारा आरक्षण जब देश आजाद हुआ है, उस वक्त से ही लागू है. 1992 तक ये आरक्षण हमें मिलता रहा है. बहुजन समाज पार्टी ने इसे लूटने का प्रयास किया. सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट भी कहती है कि जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. हमें कुछ मिलना नहीं है, संविधान में जो इस आरक्षण पर धूल पड़ी थी, बस वही हटाई जा रही है.’’
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संजय निषाद ने कहा था कि निर्बल लोगों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए फिर किसी भी जाति के हों. आरक्षण की व्यवस्था के तहत बैकलॉग भरा जाए, जरूरतमंद को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. जैसे उनका बेटा सांसद है तो उसे आरक्षण नहीं चाहिए. आरक्षण का आधार जातिगत के साथ आर्थिक होना चाहिए. इस लाभ में पहले निर्बल को मौका दें. फिर मौका बचे तो उससे ऊपर वालों को जाति के आधार पर.