लखनऊ: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने की ‘हड़बड़ी’ में लखनऊ मेट्रो का उद्घाटन कर दिया. तकनीकी खराबियों को दुरूस्त करने के लिए सही मापदंड नहीं अपनाए गए, जिसका खामियाजा मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ा.


उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता संजय बाजपेयी ने कहा, 'तकनीकी खराबियों को दूर करने के लिए सही मापदण्डों का पालन नहीं किया गया और राजनैतिक लाभ लेने की हड़बड़ाहट में उद्घाटन के दूसरे ही दिन लखनऊ मेट्रो खराबी की भेंट चढ़ी. इसका मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.' उन्होंने आरोप लगाया कि लखनऊ मेट्रो रेल का श्रेय लेने की होड़ में कल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोबारा उद्घाटन किया.


कांग्रेस नेता ने कहा कि श्रेय लेने की होड़ में गरीब जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को जिस प्रकार विज्ञापनों में बर्बाद किया गया और देश के गृहमंत्री और तमाम प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रीगण की मौजूदगी में लखनऊ मेट्रो का हड़बड़ाहट में उद्घाटन किया गया. इसका दुष्परिणाम यह रहा कि आज दूसरे ही दिन तकनीकी खराबी के चलते यात्रियों से भरी मेट्रो बीच में ही रूक गई .


बाजपेयी ने कहा कि उसके बाद में दोबारा दूसरी मेट्रो ट्रेन चलाई गई. वह भी आलमबाग स्टेशन पर आकर रुक गयी. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दूसरी सरकारों की ओर से किए गये कार्यों का श्रेय लेने की होड़ में प्रदेश की जनता पिसने के लिए मजबूर हो गयी है. उन्होंने कहा कि देश में मेट्रो कांग्रेस की देन है. लखनऊ में मेट्रो पूर्ववर्ती सरकार की तरफ से लाया गया. मगर मेट्रो का श्रेय खुद लेने की जल्दबाजी में जिन तकनीकी चीजों की मंजूरी दिल्ली के रेल विभाग से होनी थी, उसमें छह महीने का विलम्ब हुआ जबकि केन्द्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकारें हैं.


प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इतना ही नहीं पूरे देश में जो भी विकास कार्य यूपीए सरकार की तरफ से शुरू किये गये थे और समयबद्ध चरण में वह जैसे-जैसे पूर्ण होते गए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से केवल उसका उद्घाटन कर जबर्दस्ती श्रेय लेने की कोशिश की गई है, चाहे वह जम्मू से कटरा रेल लाइन हो, असम में सबसे लम्बा पुल हो या जम्मू में सबसे बड़ी सुरंग हो. इन सभी का कार्य यूपीए सरकार ने शुरू किया, लेकिन बीजेपी की तरफ  से विज्ञापनों और प्रचार के जरिए इसका श्रेय लेने का भरपूर प्रयास किया गया है.


बाजपेयी ने कहा कि बीते तीन सालों से केन्द्र सरकार की तरफ से एक भी नई योजना शुरू नहीं की गयी. नोटबन्दी और 28 फीसदी जीएसटी लगाने जैसे तुगलकी फैसले के चलते आज आम जनता त्रस्त है.