नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में ऐसी 248 मोटरसाइकिलें मिली हैं जिनपर बीजेपी के स्टीकर लगे हैं. इनमें 188 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन बीजेपी के स्थानीय पार्टी कार्यालय के नाम पर है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने ये मोटरसाइकिलें अपने कालेधन को खपाने के लिए खरीदी हैं. जबकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि उन्हें मोटरसाइकिल खरीद के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं .
बीजेपी की स्टिकर लगी टीवीएस की इन 248 मोटरसाइकिलों को खरीदने में क्या कालेधन का इस्तेमाल हुआ है ? गोरखपुर कांग्रेस का तो यही आरोप है. कांग्रेस दावा कर रही है कि गोरखपुर के जंगल चंवरी इलाके में रखी ये मोटरसाइकिलें बीजेपी ने अपने कालेधन से खरीदी हैं. ये सभी गाड़ियां 4 दिसंबर को 92 लाख रुपये का भुगतान करके खरीदी गई हैं.
इन आरोपों पर गोरखपुर बीजेपी के बड़े नेता सत्येंद्र सिन्हा का बयान और भी उलझाने वाला है. वो ये मानने से ही इनकार कर रहे हैं कि इन मोटरसाइकिलों को बीजेपी ने खरीदा है. लेकिन सत्येंद्र सिन्हा के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं हैं कि अगर इन मोटरसाइकिलों को बीजेपी ने नहीं खरीदा तो इनकी टंकी पर कमल के निशान क्यों बने हैं ?
इनकी खरीद से जुड़ी रसीदों पर भी भारतीय जनता पार्टी का नाम साफ-साफ लिखा है. नीचे क्षेत्रीय कार्यालय का पता भी लिखा हुआ है.ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि अगर बाइक की खरीददारी में कोई गड़बड़झाला नहीं है तो गोरखपुर बीजेपी इससे अपना पल्ला क्यों झाड़ रही है ?
बीजेपी सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक गोरखपुर बीजेपी ये सभी गाड़ियां चुनाव-प्रचार के लिए अपने कार्यकर्ताओं को देनेवाली है. लेकिन अभी नोटबंदी की वजह से आम लोगों को हो रही दिक्कतों के कारण इससे अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश हो रही है.
क्या ये सभी मोटरसाइकिलें गोरखपुर में बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को देने वाली है?
एबीपी न्यूज
Updated at:
14 Dec 2016 08:52 PM (IST)
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