नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में इस साल का बजट पेश किया गया है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट पेश किया. यूपी का बजट 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपये का है. इस बजट में कानपुर, आगरा और गोरखपुर में मेट्रो के लिए करीब 800 करोड़ और अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए 500 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव है.


यूपी के बजट में 10967 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं. जीएसटी और वैट से राज्य को 91568 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. आबकारी से 37500, स्टांप एवं पंजीयन से 23197 और वाहन कर से 8650 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का लक्ष्य है. दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड transit सिस्टम के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.


कानपुर मेट्रो के लिए 358 करोड़, आगरा मेट्रो के लिए 286 करोड़ और गोरखपुर सहित अन्य शहरों के लिए दो सौ करोड़ की व्यवस्था है. यूपी के बजट को उत्तर प्रदेश के मंत्री परिषद ने मंजूरी दी. पिछले बजट को न खर्च कर पाने और विकास की योजना न देने को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विधानभवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया.


बजट में ये है खास


* गांवों में जल जीवन मिशन को 3000 करोड़ रुपये


* अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए 500 करोड़


* अयोध्या में उच्च स्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 85 करोड़ की व्यवस्था


* तुलसी स्मारक भवन के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था


* वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए 180 करोड़ की व्यवस्था


* पर्यटन इकाई के प्रोत्साहन के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था


* गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्ट्स के लिए 25 करोड़ रुपये


* काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था


* वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना हेतु 1हज़ार 459 करोड़ रुपये की व्यवस्था


* राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 1 हज़ार 251 करोड़ रुपये


* राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए 500 करोड़ रुपये


* मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के लिए 250 करोड़


* पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं हेतु छात्रवर्ती योजना के लिए 1 हज़ार 375 करोड़ रुपये


* प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के लिए 783 करोड़ रुपये


* मान्यता प्राप्त मदरसों व मकतबों के लिए 479 करोड़ रुपये


इस बार के बजट में पुलिस विभाग के अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए लिए 650 करोड़ की व्यवस्था की गई है. साथ ही आवासीय भवनों के लिए 600 करोड़, पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए 122 करोड़, विधि विज्ञान के लिए 60 करोड़, पुलिस फॉरेंसिंक के लिये 20 करोड़ और सेफ सिटी योजना के लिए 97 करोड़ का प्रावधान है.