Jamiat Ulama-I-Hind Petition: पैगंबर विवाद पर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में चल रही बुलडोजर की कार्रवाई (Bulldozer Action) के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulama-I-Hind) की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में फिर सुनवाई है. जमीयत का आरोप है कि राज्य में हुई हिंसा के बाद एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. पिछले दिनों यूपी के अलग अलग शहरों में हिंसा के उपद्रवियों और अपराधियों के खिलाफ योगी का बुलडोजर चला तो कोहराम मच गया था.
यूपी में अवैध निर्माण को तोड़ा गया तो जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसपर अदालती कार्रवाई शुरू हुई और आज जमीयत के इसी याचिका पर फिर सुनवाई है.
जमीयत की याचिका पर आज SC में फिर सुनवाई
बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जिस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, उसमें जमीयत ने आरोप लगाया है कि बुलडोजर का एक्शन सिर्फ एक समुदाय विशेष के खिलाफ ही हो रहा है. जिसके जवाब में यूपी सरकार ने कहा कि इस कार्रवाई का दंगों से संबंध नहीं है और जमीयत इस मामले को गलत रंग दे रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा गया है कि जो भी कार्रवाई की गई है वह नियमों के मुताबिक है. हलफनामा में जमीयत की याचिका को ख़ारिज करने की मांग भी की गई है.
कैसे हुई थी विवाद की शुरूआत?
इस पूरे विवाद की शुरूआत पैगम्बर मोहम्मद को लेकर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद हुई थी. पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में यूपी के कई शहरों में 10 जून को हिंसा हुई थी. जुमे की नमाज के बाद हुई उस हिंसा के दौरान पुलिसवालों पर भी हमले हुए थे. कई सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को भी उपद्रवियों ने काफी नुकसान पहुंचाया था.
जावेद पंप पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Govt) का बुलडोजर तो बहुत पहले से एक्शन में था, लेकिन हिंसा के बाद उपद्रवियों के अवैध निर्माण भी बुलडोजर के निशाने पर आ गए. प्रयागराज में हिंसा (Prayagraj Violence) के मास्टरमाइंड कहे जा रहे जावेद पंप के आलीशान घर पर भी बुलडोजर चलाया गया और उसे ध्वस्त कर दिया गया. यूपी में ऐसे ही तेज कार्रवाई के बाद मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulama-I-Hind) बुलडोजर के एक्शन के विरोध में सामने आया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.
ये भी पढ़ें: