लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी की प्रतिष्ठा से जुड़ी गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. उपचुनाव में बीजेपी के साथ ही मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी जीत हासिल करने का दावा किया है.
गोरखपुर लोकसभा सीट सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर लोकसभा सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनने के बाद रिक्त हुई हैं. इन दोनों सीटों पर उपचुनाव के तहत आगामी 11 मार्च को मतदान होगा और परिणामों की घोषणा 14 मार्च को की जाएगी.
इन उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. सबकी निगाहें बीजेपी पर होंगी जो इन सीटों को वापस हासिल करना चाहेगी. उसके लिए यह उपचुनाव खास तौर पर इसलिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न है क्योंकि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में यह पार्टी प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई है.
प्रमुख विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इन दोनों ही सीटों के उपचुनाव मतपत्रों के जरिए कराने की मांग पहले से ही की है.
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की जीत का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उनका दल हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहता है. बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. मुझे विश्वास है कि आने वाले उपचुनाव में पार्टी बड़े अंतर से जीतेगी.
हालांकि समाजवादी पार्टी का दावा है कि मतदाता गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को उसकी वादाखिलाफी का सबक सिखाएंगे. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि यूपी की जनता बीजेपी को उसकी वादाखिलाफी के लिए सबक जरूर सिखाएगी क्योंकि पिछले चुनाव में बीजेपी ने जो वादे किए थे वह आज तक पूरे नहीं हुए हैं.
उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी दोनों ही सीटों पर जीत हासिल करेगी. अगले एक-दो दिन में सपा गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर देगी. इस बीच, कांग्रेस ने भी दावा किया कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के शासनकाल में डर का माहौल बना हुआ है और उप चुनाव में जनता इसका जवाब देगी.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि कांग्रेस गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव लड़ेगी और निश्चित रूप से बेहतर प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर खासकर कानून एवं व्यवस्था के मामले में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है. प्रदेश में डर का माहौल है और किसानों की दुश्वारियां खत्म नहीं हुई हैं.