लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान के कोटा स्थित एक अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में बृहस्पतिवार को राजस्थान सरकार और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार बीमार शिशुओं की मौत पर पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए.


इसके साथ ही कोटा से सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नवजात शिशुओं की मौत को दुखद घटना बताते हुए आज कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम करें.


बिरला ने कहा, ‘‘ कोटा मेरा लोकसभा क्षेत्र है और कोई भी ऐसी घटना मुझे कष्ट पहुंचाती है. मैं खुद वहां गया था. इस विषय पर राज्य सरकार से भी आग्रह किया और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन से भी मेरी बात हुई है कि किस प्रकार से राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार मिलकर काम कर सकते हैं.’’


इस बीच, केन्द्र सरकार के विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल शुक्रवार को कोटा पहुंचेगा. केन्द्र ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राजस्थान सरकार को अतिरिक्त मदद का आश्वासन भी दिया है.


मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे से बच्चों की मौत और अशोक गहलोत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी ली.


कोटा के सरकारी जे के लोन अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत की संख्या अब (दिसंबर और जनवरी तक) करीब 104 हो गई है.


मुख्यमंत्री गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को फोन किया और उनसे कोटा के सरकारी अस्पताल का दौरा करने और वहां की व्यवस्थाएं व्यक्तिगत रूप से देखने का आग्रह किया.


मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को फोन किया और उनसे आग्रह किया कि वे खुद कोटा आएं, ताकि देख सकें कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने वहां कैसी श्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए समुचित प्रबंध किया है.’’


गहलोत ने कहा, ‘‘हर्षवर्धन खुद एक चिकित्सक हैं, इसलिए अगर वह कोटा के अस्पताल का दौरा करते हैं तो उन लोगों के लिए भी स्थिति स्पष्ट होगी जो जाने-अनजाने में प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.’’


इससे पहले खुद हर्षवर्धन ने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि केंद्र से विशेषज्ञों का एक दल शुक्रवार को कोटा जाएगा.


हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्हें केन्द्र सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है.


उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने गहलोत से कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की आगामी बैठक में वह राजस्थान को मिलने वाली केन्द्रीय सहायता के रूप में अतिरिक्त राशि देने का प्रस्ताव पेश करें.’’


हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘मैंने गहलोत को पूरा अश्वासन दिया है कि बच्चों की मौत को रोकने के लिए हम हरसंभव उपाय करेंगे.’’


उन्होंने कहा कि बाल रोग विशेषज्ञों सहित अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों का दल स्वास्थ्य मंत्रालय ने भेजने का फैसला किया है, ताकि बच्चों की मौत की घटनाओं को रोकने के लिए तात्कालिक उपाय सुनिश्चित किए जा सकें.


हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय का उच्चस्तरीय दल कल कोटा पहुंचेगा. इसमें एम्स जोधपुर और जयपुर से क्षेत्रीय निदेशक, स्वास्थ्य सेवा सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे. गहलोत को पत्र लिखकर भी मैंने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.’’


मासूमों की मौत बेहद दुःखद और हृदय विदारक योगी आदित्यनाथ 


योगी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘(राजस्थान के) कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुःखद और हृदय विदारक है. माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज, मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं.’’


योगी ने एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस महासचिव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘(प्रियंका गांधी) वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है, तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती.’’


बच्चों की मौत से मांओं की गोद उजड़ना अति-दुःखद और दर्दनाक- मायावती
उन्होंने कहा, 'कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से मांओं की गोद उजड़ना अति-दुःखद और दर्दनाक है. वहां के मुख्यमंत्री गहलोत और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील तथा गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं.'


मायावती ने एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'इससे भी ज्यादा दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव का इस मामले में चुप्पी साधे रखना. अच्छा होता कि वह उप्र की तरह राजस्थान जाकर उन गरीब पीड़ित मांओं से भी मिलतीं, जिनकी गोद उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई.'


बसपा नेता ने अन्य ट्वीट में कहा 'यदि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘‘मांओं‘‘ से नहीं मिलती हैं तो उप्र में किसी भी मामले में पीड़ितों के परिवार से उनकी मुलाकात राजनीतिक स्वार्थ और कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे जनता को सतर्क रहना है.'


वहीं, आरोपों और आलोचना के जवाब में गहलोत ने कहा कि सरकार बीमार शिशुओं की मौत पर पूरी तर संवेदनशील है. इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए.


गहलोत ने ट्वीट किया, शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील


‘‘जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है. हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे. मां और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में बच्चों के आईसीयू की स्थापना सबसे पहले हमारी सरकार ने 2003 में की थी. कोटा में भी बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी.’’


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में मीडिया किसी दबाव में आए बिना तथ्य प्रस्तुत करे.


वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने का संदेश दिया.



अस्पताल में बुधवार को तीन ऐर बृहस्पतिवार को एक और नवजात शिशु की मौत के साथ दिसंबर और जनवरी माह में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या 104 हो गई है.


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