UP BJP Meeting: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त ने बीजेपी को सदमे में डाल दिया है. इसका असर यूपी में होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में दिखने लगा है. यूपी के 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी उन गलतियों को दोहराने के मूड में नहीं है, जो उसने लोकसभा चुनाव में की है. उपचुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उनके लखनऊ स्थित सरकारी आवास 5 कालीदास मार्ग पर बैठक हुई है.
सूत्रों ने बताया है कि बैठक में तय हुआ है कि सिर्फ जिताऊ और ईमानदार प्रत्याशी ही मैदान में उतारे जाएंगे. सिफारिश के आधार पर किसी को टिकट नहीं दिया जाएगा. बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई की उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जातिगत समीकरण क्या है, इसे समझा जाएगा. विपक्षी दल कौन से प्रत्याशी उतार सकते हैं, इसे लेकर भी बात हुई है. 10 विधानसभाओं में कौन-कौन से काम पेंडिंग हैं, जिन्हें पूरा कर जनता का समर्थन हासिल किया जा सकता है. इस पर भी बात हुई है.
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मुस्लिम प्रत्याशी उतारने पर चर्चा
सीएम योगी की अगुवाई में हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई की क्या मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा में मुस्लिम प्रत्याशी उतार सकते हैं? मौजूदा हालातों को समझने को लेकर भी चर्चा हुई है. बैठक में नेताओं ने इस बात पर मंथन किया है कि इन 10 विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय का कितना असर है. माना जा रहा है कि इसी आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जा सकता है. जातिगत समीकरण का भी खास ध्यान रखा जाएगा.
10 सीटों पर हम जीतने वाले हैं: राज्य मंत्री स्वतंत्र देव सिंह
बैठक से बाहर आए राज्यमंत्री स्वतंत्र देव सिंह से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा, "बैठक में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, बाढ़ के हालात समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई. सभी 10 सीटों पर हम जीतने वाले हैं, इसलिए बैठक में विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी चर्चा की गई है." उन्होंने इस बात की स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं दी कि क्या बैठक में संगठन का कोई नेता मौजूद था या नहीं. अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक इसमें यूपी सरकार के मंत्री शामिल हुए.
योगी ने उपचुनाव के लिए बनाई 30 मंत्रियों की टीम
सीएम योगी ने उपचुनाव के लिए 30 मंत्रियों की अपनी टीम बनाई है. हर विधानसभा के लिए तीन मंत्री तय किए गए हैं, जो सीधे सीएम योगी को फीडबैक देने वाले हैं. ये मंत्री जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करेंगे और वहां के हालातों की जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे. जिन 30 मंत्रियों को चुना गया है, उन्होंने जमीनी स्तर पर इन विधानसभा क्षेत्रों में जाकर काम किया है. नीचे उन 30 मंत्रियों के नाम और उन्हें सौंपे गए विधानसभा क्षेत्रों की जानकारी दी गई है.
- मीरापुर विधानसभा की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के कंधों पर होगी. उनके साथ राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर और केपी मलिक भी मैदान में होंगे.
- कुंदरकी विधानसभा में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह राज्यमंत्रियों जेपीएस राठौर, जसवंत सैनी और गुलाब देवी के साथ मोर्चा संभालेंगे.
- गाजियाबाद में कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा के साथ राज्यमंत्री बृजेश सिंह और कपिल देव अग्रवाल कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे.
- खैर (एससी) विधानसभा सीट पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी राज्यमंत्री संदीप सिंह के साथ मिलकर रणनीति बनाएंगे.
- करहल सीट पर कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह और योगेन्द्र उपाध्याय के साथ राज्यमंत्री अजीत पाल सिंह मतदाताओं तक पहुंच बनाएंगे.
- शीशामऊ विधानसभा में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल पार्टी को जीतने के लिए जीतोड़ मेहनत करेंगे.
- फूलपुर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह के कंधों पर होगी.
- मिल्कीपुर (एससी) सीट की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही के साथ-साथ राज्यमंत्री मंयकेश्वर सिंह, गिरीश यादव और सतीश शर्मा को सौंपी गई है.
- कटेहरी विधानसभा सीट पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद के साथ राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र भी नजर आने वाले हैं.
- मंझवा विधानसभा में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और आशीष पटेल काम करेंगे. उनके साथ राज्यमंत्री रविन्द्र जासवाल और रामकेश निषाद भी होंगे.
योगी की टीम को मिले ये निर्देश
विधानसभा के लिए बनाये गए प्रभारी मंत्रियों को सीएम योगी ने संबंधित क्षेत्र में सप्ताह में 2 दिन रात्रि विश्राम के निर्देश दिए हैं. उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों के ग्रुप से अलग-अलग उनके क्षेत्र का हाल जाना है. मुख्यमंत्री की तरफ से सभी प्रभारी मंत्रियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि हर एक ग्रुप को कार्यकर्ताओं के साथ बात करनी है और सबसे ज्यादा फोकस बूथ को मजबूत करने में करना है.
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