UP: सीएम योगी और उनके कैबिनेट मंत्री ऑन द स्पॉट कानून व्यवस्था का लेंगे जायजा, लिए गए ये बड़े फैसले
आगामी 100 दिनों में अयोध्या जनपद में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की इकाई गठित करने का फैसला लिया गया है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गृह विभाग के सीनियर अफ़सरों के साथ बैठक की. क़रीब दो घंटे तक अफ़सरों ने विभाग का प्रेज़ेंटेशन रखा. इस दौरान योगी सरकार के सभी कैबिनेट और राज्य मंत्री भी मौजूद रहे. दूसरी बार सीएम बनने के बाद तीन दिन पहले योगी ने सभी कमिश्नर और फ़ील्ड में तैनात एडीजी, आईजी और डीआईजी के साथ बैठक की थी. आज हुई गृह विभाग की बैठक में योगी के बुलडोज़र मॉडल पर भी चर्चा हुई. अगले सौ दिनों के लिए विभाग का रोड मैप पेश किया गया. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इसे सबके सामने रखा. अगले पांच सालों में क़ानून व्यवस्था से लेकर महिलाओं की सुरक्षा तक पर चर्चा हुई. इस दौरान दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए.
सीनियर अफसरों के साथ बैठक में अहम फैसले
● पिछले 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश ने सुदृढ़ कानून-व्यवस्था का एक मॉडल प्रस्तुत किया है. प्रदेश से संगठित अपराध समाप्त हो चुका है. अवैध रूप से अर्जित 2081 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. आगे भी माफिया, अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहे. 25 करोड़ प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमारी पुलिस 24×7 मुस्तैद रहे.
● पिछली सरकारों ने शरारतपूर्ण ढंग से पीएसी की 54 कंपनियों को समाप्त कर दिया था. हमने उनको पुनर्जीवित किया. नई बटालियन भी शुरू की.
● सभी कैबिनेट मंत्री अब फील्ड में जाएंगे. कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंडलों के लिए 18 टीमें गठित कर 18 सप्ताह के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. यह टीमें हर मंडल में 72 घंटे का प्रवास करेंगी. अलग-अलग जनपदों का भ्रमण करेंगी और लोगों से मिलेंगी. व्यवस्था की पड़ताल करेंगी, संभावनाओं की परख करेंगी, जिसके बाद 75 जिलों के नोडल अधिकारी इन टीमों की रिपोर्ट लेकर 15 दिन के अंदर क्रियान्वयन की योजना प्रस्तुत करेंगे.
● नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने गत वर्षों में पूरी पारदर्शिता से बिना भेदभाव के दक्ष युवाओं को सेवायोजित किया है. सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार का कोई भी स्थान नहीं है. भर्ती के साथ-साथ प्रशिक्षण पर आधुनिकीकरण को लेकर भी जोर दिया जाना चाहिए.
● कारागार को सुधार गृह के रूप में विकसित किया जाए. कई बार निर्दोष व्यक्ति को भी जेल जाना पड़ जाता है. बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिले की प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं, प्राकृतिक खेती एमएसएमई इकाइयों, कौशल विकास मिशन से भी जोड़ा जाना चाहिए.
● सचिवालय को दलालों से मुक्त रखा जाए. नौकरी दिलाने, काम दिलाने वाले ठगों को सचिवालय परिसर से दूर रखें. फील्ड के अधिकारियों को अनावश्यक सचिवालय न बुलाया जाए. इसमें समय और धन का अपव्यय होता है. कोई भी फाइल किसी पटल पर तीन दिन से अधिक लंबित न रखी जाए.
● आगामी 100 दिनों ने अयोध्या जनपद में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की इकाई गठित की जाए.
● यूपी 112 के रिस्पॉन्स टाइम को और कम करते हुए 10 मिनट तक लाने के प्रयास किये जाएं. पुलिस, अभियोजन और संगठन के लिए चरणबद्ध रूप से सिंगल विंडो व्यवस्था लागू की जाए.
● कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के क्रम में जनपद जालौन, मिर्जापुर और बलरामपुर में एक-एक नई महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जाना चाहिए. इस बाबत प्रस्ताव तैयार करें.
● देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर, बहराइच सहित कई जनपदों में एटीएस की नई फील्ड यूनिट गठित की जा रही है. नई इकाइयों के लिए आवश्यक मानव संसाधन, भवन आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए.
● अपराध अन्वेषण में प्रोफेशनल स्किल बढ़ाने के लिए एटीएस टीम का भारत के विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण के अलावा एफबीआई, होम लैंड सिक्योरिटी जैसी जांच/खुफिया एजेंसियों के साथ विदेशी प्रशिक्षण भी कराया जाए.
● एंटी ड्रोन अटैक सिस्टम और ड्रोन फॉरेंसिक के क्षेत्र में तकनीकी विकास की जरूरत है. यूपी एटीएस पुलिस स्टेशन की स्थापना की जाए.
● स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) की नई टीम के लिए आगामी 100 दिन में ऊर्जावान, दक्ष और समर्पित कार्मिकों का चयन किया जाए. केंद्रीय पुलिस बल/भारतीय सेना के सहयोग से इनका प्रशिक्षण कराया जाना चाहिए. इन्हें स्नाइपर ट्रेनिंग भी दिलाई जाए, साथ ही आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विशेष एडवेंचर कोर्स भी कराया जाना चाहिए.
● सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी एवं 3000 पिंक बूथ की स्थापना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप नियुक्त किया जाए. धार्मिक स्थलों के पास भी पिंक बूथ बनाए जाएं.
● बीट पुलिस सेवा से जुड़कर महिला कर्मियों ने अच्छा कार्य किया है. प्रत्येक महिला बीट सिपाही को स्कूटी उपलब्ध कराया जाना चाहिये.
● कारागारों की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग किया जाए. सौ दिनों में सात वीडियो कांफ्रेंसिंग इकाईयों का पुनर्स्थापन और कारागार मुख्यालय में मल्टी कांफ्रेंस यूनिट की स्थापना की जाए.
● जेलों में बंदियों के ओवर क्राउंडिंग की समस्या के निदान के लिए पुराने कारागारों में नए बैरक का निर्माण किया जाए. अमरोहा, संभल, शामली और मुजफ्फरनगर में जिला कारागार के निर्माण के लिए भूमि क्रय की जाए. अमेठी, हाथरस, औरेया, हापुड़, चंदौली, भदोही, अमरोहा, सम्भल, कुशीनगर, महोबा में जिला कारागार के निर्माण की कार्यवाही शुरू की जाए.
● बंदियों की समय-पूर्व रिहाई के संबंध में लागू वर्तमान नीति में संशोधन की जरूरत है. इसे अगले 100 दिनों में कर लिया जाना चाहिए.
● सरकार सभी विभागीय रिक्तियों को शीघ्रता से भरने के लिए प्रतिबद्ध है. रिक्त पदों पर समयबद्ध चयन के लिए समय से अधियाचन भेजने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जाए.
● आगामी चयन वर्ष की सीधी भर्ती के लिए सभी विभागों द्वारा अधियाचन 31 मई से पूर्व भेजा जाए, ताकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा सके.
● पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन के लिए आगामी सौ दिवसों में प्रदेश में कार्मिकों के पटल परिवर्तन की प्रभावी व्यवस्था लागू की जाए. ज्येष्ठता आधारित विभागीय प्रोन्नतियों में एकरूपता के लिए उपयुक्तता का मानक निर्धारित किया जाए.
● विभागों के सीधी भर्ती के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से इंडक्शन ट्रेनिंग की व्यवस्था लागू करें. हर प्रशासनिक विभाग द्वारा इंडक्शन ट्रेनिंग माड्यूल और वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करें.
● एक वर्ष में सभी समूह 'क' एवं 'ख' के कार्मिकों की वार्षिक प्रविष्टि और संपत्ति विवरण को साफ्टवेयर प्रणाली से करने की व्यवस्था करें.
● होमगार्ड विभाग ने सतत प्रयासों से गत वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. होमगार्ड पुलिस बल के सहायक के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं. ऐसे में उनकी कार्य कुशलता और दक्षता में निरंतर प्रगति होनी आवश्यक है. होमगार्ड स्वयंसेवकों को आयुष्मान भारत योजनांतर्गत स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिलाया जाना चाहिए. इस संबंध में विचार किया जाए.
● महिला हेल्प डेस्क पर सैनेटरी नैपकीन डिस्पेंसर और इंसेमिनेटर कि सुविधा होनी चाहिए. 1090 को पब्लिक सेफ्टी अवेयरनेस पॉइंट का दर्जा दिया जाए. बाल यौन शोषण से जुड़े अति संवेदनशील प्रकरणों में अतिरिक्त संवेदनशीलता अपेक्षित है. अभियोजन को और मजबूत किए जाने की जरूरत है.
● लखनऊ में फोरेंसिक इंस्टिट्यूट की स्थापना हो रही है. साइबर अपराध की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लखनऊ में डिजिटल फोरेंसिक लैब व परिक्षेत्र पर साइबर फोरेंसिक लैब की स्थापना कराई जाए.
● शुचिता और पारदर्शिता के साथ पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए. महिला पुलिस कार्मिकों की संख्या दोगुना करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं.
● प्रत्येक विकास खंड स्तर पर अग्निशमन एवं जीवनरक्षा हेतु 100 स्वयंसेवकों को तैयार कर आवश्यक ट्रेनिंग दिलाई जाए. तहसील स्तर पर अग्निशमन केंद्र स्थापित करने के प्रयास हों. आपातकाल के रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए.
● मेट्रो रेल की सुरक्षा के लिए यूपीएसएसएफ की टीम को प्रशिक्षित किया जाए. सहारनपुर, मथुरा, प्रयागराज, और गोरखपुर में यूपीएसएसएफ की एक-एक बटालियन का गठन किया जाए.
● सीतापुर में स्थापित पीएसी की तीन वाहिनियों में से एक को अयोध्या और मुरादाबाद की एक वाहिनी को संभल में तैनात करना उचित होगा. इस दिशा में विचार किया जाए.
● जनपद बदायूं और लखनऊ में अवंतीबाई और उदा देवी जी के नाम पर गठित महिला पीएसी बटालियन का संचालन आगामी 02 वर्ष में शुरू कर दिया जाए.
● यातायात नियमों के उल्लंघन पर दंड स्वरूप निर्धारित चालान की राशि को स्पॉट पर ही जमा करने की सुविधा दी जाए. डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान की व्यवस्था हो.
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