(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी: प्रियंका गांधी से नाराज़ कांग्रेसी नेता अब सोनिया गांधी से करेंगे शिकायत
यूपी में प्रियंका गांधी की सक्रियता से कांग्रेस नेताओं का एक गुट नाराज़ है. उन्हें लगता है कि पार्टी में होते हुए भी उनकी कोई पूछ नहीं रह गई है.
नई दिल्ली: यूपी में प्रियंका गांधी की सक्रियता से कांग्रेस नेताओं का एक गुट नाराज़ है. उन्हें लगता है कि पार्टी में होते हुए भी उनकी कोई पूछ नहीं रह गई है. ऐसे नेताओं ने अब सोनिया गांधी से मिलने का फ़ैसला किया है. उनसे मिल कर वे अपने मन की बात करेंगे. कांग्रेस के पूर्व सांसद संतोष सिंह के लखनऊ स्थित घर पर हुई बैठक में ये फ़ैसला हुआ.
यूपी में कांग्रेस के पुराने नेता परेशान हैं. प्रियंका गांधी के एक्टिव पॉलिटिक्स में आने के बाद से वे हाशिए पर चले गए हैं. पार्टी के फ़ैसलों से उन्हें दूर रखा जा रहा है. उन्हें किसी तरह की ज़िम्मेदारी भी नहीं दी गई है. राजीव गांधी और सोनिया गांधी के जमाने में ऐसे नेताओं के पास बड़ी ज़िम्मेदारियाँ थीं. लेकिन बदले हालात में अब वे किनारे कर दिए गए हैं.
कहा जा रहा है कि प्रियंका के पार्टी सँभालने के बाद से ही ऐसा होने लगा है. प्रियंका को सबसे पहले महासचिव बना करपूर्वी यूपी की ज़िम्मेदारी दी गई थी. ज्योतिरादित्य सिंधिंया के हटने के बाद उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का काम दिया गया. फिर प्रियंका ने पूरी टीम ही बदल डाली.
राज बब्बर की जगह अजय कुमार लल्लू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. प्रियंका की नई टीम में नौजवानों को मौक़ा मिला. लेकिन सोनिया और राहुल के साथ काम कर चुके नेताओं को बाहर कर दिया गया. अब वे अपना दुखड़ा किससे कहें? प्रियंका तक बात पहुँचाने की कोशिश हुई, लेकिन कुछ फ़ायदा नहीं हुआ.
प्रियंका गांधी को यूपी में कांग्रेस का काया कल्प करने की ज़िम्मेदारी दी गई है. ज़मीन पर पार्टी बहुत कमजोर है. हाल के विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस के हाथ ख़ाली रहे. लेकिन सोशल मीडिया में प्रियंका बहुत एक्टिव हैं. किसी न किसी मुद्दे के बहाने वे ट्वीट कर योगी सरकार को फेल बता रही हैं. लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस अमेठी सीट तक नहीं बचा पाई. राहुल गांधी तक चुनाव हार गए.
अपनी अनदेखी से नाराज़ कांग्रेस नेताओं ने पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी के घर मीटिंग की. जिसमें तय हुआ कि राज्य भर के पुराने कांग्रेसियों को जोड़ा जाए. सबसे बातचीत की जाए और फिर आगे की रणनीति तय करने के लिए संतोष सिंह के घर पर सब साथ बैठे.
राज्य भर से क़रीब दो सौ नेता जुटे. सबने तय किया कि अब और नहीं. ये कहा गया कि सालों तक पार्टी का वफ़ादार रहने के कारण ऐसी सजा मिल रही है. इसीलिए अब अध्यक्ष सोनिया गांधी से ही मिला जाए. उनके सामने अपनी शिकायत रखी जाए. अभी इस मुलाक़ात का समय तय नहीं हुआ है.