अब लोकसभा चुनाव पर कांग्रेस की नजर, UP Congress के नेताओं संग खरगे की मीटिंग आज, जानिए क्यों है ये खास
UP Congress Meeting Updates: कांग्रेस की नजर अब लोकसभा चुनाव पर है. इसके लिए उसने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश पर फोकस करना शुरू कर दिया है.
UP Congress Meeting: कांग्रेस को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में निराशा हाथ लगी है. तेलंगाना को छोड़ दें तो बाकी के राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा है. कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका हिंदी हार्टलैंड के राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगा है, जहां कम से कम दो राज्यों में उसे सरकार बनने की उम्मीद थी. हालांकि, अब पार्टी ने हार से सबक लेना शुरू कर दिया है और हिंदी हार्टलैंड के सबसे बड़े राज्य यूपी पर फोकस किया है.
दरअसल, अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस की नजर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर है. यूपी में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राज्य के पार्टी नेताओं संग सोमवार (18 दिसंबर) को बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर ध्यान दिया जाएगा. दिल्ली में होने वाली इस बैठक में यूपी कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठकर राज्य में चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाई जाएगी.
बैठक में कौन-कौन शामिल होगा?
दिल्ली में हो रही इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत केंद्रीय नेतृत्व के तमाम बड़े चेहरे देखने को मिलेंगे. बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष खरगे करेंगे. इसके अलावा यूपी के लिए बनने वाली रणनीति में प्रियंका गांधी की राय भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि वह यूपी की प्रभारी हैं. अगर यूपी कांग्रेस की तरफ से शामिल होने वाले नेताओं की बात करें, तो इसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, बृजलाल खाबरी, सलमान खुर्शीद, डा.निर्मल खत्री, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, जफर इकबाल नकवी जैसे वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.
क्यों महत्वपूर्ण है कांग्रेस की बैठक?
यूपी को लेकर हो रही कांग्रेस की ये बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें उत्तर प्रदेश में ही हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इस राज्य में सबसे खराब प्रदर्शन किया था. यहां तक कि राहुल गांधी को अपने गढ़ अमेठी में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. रायबरेली में भले ही कांग्रेस को जीत मिली थी, मगर बाकी की सीटों पर उसका प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक था.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार भी खत्म हो चुका है. यही वजह है कि उसे समाजवादी पार्टी जैसे सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ना पड़ रहा है. इस बैठक में इस बात को लेकर भी चर्चा होगी कि सपा के साथ किस तरह से गठबंधन करना है. सीटों का बंटवारा कैसे किया जाए कि पार्टी को फायदा मिल सके. यूपी कांग्रेस की बैठक के बाद इंडिया गठबंधन की भी बैठक होने वाली है, जिसमें समाजवादी पार्टी को अपनी रणनीति और सीट बंटवारे की जानकारी दी जाएगी.
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