लखनऊ: पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आ रहे है. कुछ दिनों पहले मेरठ के 16 लोगों के धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले से हड़कंप मच गया था. ताज़ा मामला बागपत जिले के सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र का है, जहां हिन्दू धर्म में छुआछूत और दबंगों की दबंगई का आरोप लगाकर दलितों के पांच परिवारों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है. वही धर्म परिवर्तन के मामले में पुलिस का कहना है कि बौद्ध धर्म हिन्दू धर्म की ही एक शाखा है.


पांच दलित परिवारों ने किया धर्म परिवर्तन
सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के सिंघावली अहीर गांव में पांच दलित परिवारों के कई लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है. धर्म परिवर्तन करने वालों में छोटे, बड़े और बुजुर्ग सभी शामिल हैं. बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने वाले दलित परिवारों ने हिन्दू धर्म में मंदिरों में पूजा पाठ को ढकोसला बताया और हिन्दू धर्म में उनके साथ छुआछूत और दबंगो की दबंगई का आरोप लगाते हुए हिन्दू धर्म को त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया है.


नीच भावना बनी इसका कारण
दलितों ने आरोप लगाया कि जब हिन्दू-मुस्लिम दंगा होता है तब उन्हें मुसलमानों से लड़ाया जाता है और उसके बाद उन्हें छोटी और नीच भावना से देखा जाता है जिसके चलते उन्होंने गांव में धर्म परिवर्तन कार्यक्रम किया. गांव में बकायदा पंडाल लगा कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली गई जिसमे गांव के गौरव के पुत्र मुन्नालाल, मुन्नालाल पुत्र चन्द्रसिंह, बाबुल पुत्र जयाराम, सोनू, मोनू, प्रदीप, अजय पुत्र मुन्नालाल ने अपना धर्म बदला. उन्हें बौद्ध धर्म से आये महाराज प्रियन्तीस भंते ने दीक्षा दिलाई.