लखनऊ: योगी सरकार के निर्देशों के बाद पुलिस आक्रामक तरीके से यूपी के हर जिले में अपराधियों की धरपकड़ कर रहे है, जिसके डर से अब अपराधी खुद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे है. पिछले साल योगी सरकार जब से सत्ता में आई हैं तब से अब तक 1,240 मुठभेड़ें हुईं जिनमें 40 अपराधी मारे गए और करीब 305 अपराधी घायल हुए हैं.


20 मार्च, 2017 से शुरू हुई कार्रवाई में अब तक 2,956 गिरफ्तारियां हुईं. पुलिस ने करीब 147 करोड़ की 169 चल-अचल संपत्ति जब्त की हैं. यूपी डीजीपी ऑफिस ने जो डेटा मुहैया करवाया है उसमें 142 अपराधियों ने आत्मसमर्पण किए हैं. जिनके नाम पर इमान थे. ये अपराधी राज्य के ही नहीं बल्कि राज्य के बाहर के भी हैं. इन सबके बीच 26 अपराधियों की रिहाई हो जाने के बावजूद वे जेल से बाहर जाने को तैयार नहीं हैं. इसी कड़ी से जुड़ते हुए 71 अपराधियों ने जमानत बांड रद्द कर दिया और वापस जेल का रुख किया.


डीजपी ने कहा, "पुलिस अधिकारियों को सभी दस्तावेज तैयार करने को कहा गया है, जो अपराधियों आत्मसर्पण करे रहे हैं. हमने हर तरफ से अपराधियों के खिलाफ हमले शुरू कर दिए हैं.  इस लिस्ट में जिन अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट चल रही है उनकी संख्या सबसे ज्यादा है."


हाल ही में मेरठ के डबल मर्डर के मामले में मुख्य आरोपी मांगे उर्फ विनय ने दो फरवरी को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.