Dr Radhamohan Das Aggarwal: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की गोरखपुर शहर विधानसभा सीट (Gorakhpur) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल (Dr Radhamohan Das Aggarwal) का टिकट कट गया है. बीजेपी ने उनकी जगह सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को गोरखपुर से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है. राधामोहन को अब कहां से टिकट मिलेगा ये बड़ा सवाल है. हालांकि ये भी देखना होगा कि वो बीजेपी में बने रहेंगे या किसी अन्य पार्टी के टिकट पर ही गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो उन्हें सपा में शामिल होने का न्योता भी दे दिया है. अखिलेश ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राधामोहन अगर सपा में आना चाहेंगे, तो पार्टी में उनका स्वागत है. लेकिन उन्होंने ये भी साफ किया कि अब किसी दूसरी पार्टी से किसी भी नेता को समाजवादी पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा. हम सकारात्मक राजनीति कर रहे हैं.
राधामोहन दास अग्रवाल 2002 में पहली बार गोरखपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे. वह इसके बाद 2007, 2012 औऱ 2017 का विधानसभा चुनाव भी जीते. राधामोहन गोरखपुर से लगातार 4 चुनाव जीत चुके हैं. ऐसे में उनका टिकट काटना हैरान करने वाला फैसला है. वह यह तय मानकर चल रहे थे कि उन्हें बीजेपी से टिकट मिलेगा. इसी को देखते हुए वह कल तक प्रचार भी किए. वह फेसबुक के माध्यम से लगातार लोगों से जुड़े हुए थे.
5 बार के सांसद योगी आदित्यनाथ पड़े भारी
बता दें कि राधामोहन दास अग्रवाल 2002 में जब पहली बार विधायक बने थे तो उसमें योगी आदित्यनाथ का बहुत बड़ा योगदान था. दरअसल योगी आदित्यनाथ के सहारे ही राधामोहन दास अग्रवाल निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे. उनके सामने बीजेपी के शिवप्रताप शुक्ल थे. राधामोहन दास अग्रवाल ने शिवप्रताप को मात देते हुए पहली बार गोरखपुर सीट से जीत हासिल की. फिर बाद में वह बीजेपी से जुड़ गए.
इसके बाद से गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ और राधामोहन दास अग्रवाल का ही गोरखपुर में डंका बजता रहा है. वहीं, योगी आदित्यनाथ की बात करें तो वह गोरखपुर से 5 बार सांसद रह चुके हैं. 1998 में पहली बार योगी आदित्यनाथ सांसद चुने गए थे. तब उन्होंने 26 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी.1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे.
1998 से लगातार 2 दशक तक इस सीटे पर बीजेपी के टिकट पर योगी आदित्यनाथ काबिज रहे. हालांकि, 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. योगी के सीएम बनने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद सांसद चुने गए. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रवि किशन को गोरखपुर से उतारा और वह पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए जीत हासिल किए.