UP Election 2022: Akhilesh Yadav के गढ़ में Asaduddin Owaisi करेंगे चुनाव प्रचार, क्या हैं मायने?
UP Election 2022: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी आज़मगढ़ में रैली करने वाले हैं. यह मुस्लिम बहुल इलाक़ा है. यहां विधानसभा की 10 सीटें हैं.
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Asaduddin Owaisi To Visit Azamgarh: असदुद्दीन ओवैसी 9 जनवरी को अखिलेश यादव के लोकसभा क्षेत्र आज़मगढ़ में चुनाव प्रचार करेंगे. अखिलेश के गढ़ में ओवैसी की ये पहली रैली है. इन दिनों यूपी के चुनाव में ओवैसी और अखिलेश यादव ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ओवैसी की नज़र मुस्लिम वोट बैंक पर है. इसलिए इस बार उन्होंने आज़मगढ़ को चुना है. जहां उनका पूरा प्रयास अखिलेश यादव को मुस्लिम विरोधी साबित करने का है. छह महीने पहले ओवैसी आज़मगढ़ के सराय की गए थे लेकिन तब उन्होंने कोई चुनाव प्रचार नहीं किया था. इस बार वे आज़मगढ़ के मुबारकपुर में चुनावी सभा कर रहे हैं. आज़मगढ़ मुस्लिम बहुल इलाक़ा है. यहां विधानसभा की 10 सीटें हैं. AIMIM के यूपी अध्यक्ष शौक़त अली भी आज़मगढ़ के ही रहने वाले हैं.
यूपी में क़रीब 19% मुस्लिम वोटर हैं. परंपरागत रूप से समाजवादी पार्टी ही मुस्लिम समाज की पहली पसंद रही है. सालों से MY मतलब मुसलमान और यादव समाजवादी पार्टी के वोट बैंक रहे हैं. इस वोट बैंक को बड़ा करने के लिए ही अखिलेश यादव ने इस बार आरएलडी और ओम प्रकाश राजभर के सुहेलदेव समाज पार्टी समेत छह क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया है.
असदुद्दीन ओवैसी की नज़र समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक पर है. उनका फ़ोकस उन विधानसभा सीटों पर है जहां मुस्लिम वोटर जीत हार तय करते रहे हैं. हाल में ही उन्होंने मुरादाबाद मंडल का तीन दिनों तक दौरा किया था. जहां लोकसभा के पिछले चुनाव में बीजेपी खाता तक नहीं खोल पाई थी. इनमें से बीएसपी और समाजवादी पार्टी को तीन तीन सीटें मिली थीं.
ओवैसी घूम घूम कर कह रहे हैं कि मुलायम परिवार ने हमेशा मुसलमानों को बीजेपी का डर दिखा कर उनका वोट लेता रहा है लेकिन कभी भी मुसलमानों को सत्ता में हिस्सेदारी नहीं दी. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए ओवैसी कहते हैं कि अखिलेश यादव ने आज़म खान को उनके हाल पर छोड़ दिया है. समाजवादी पार्टी के कानपुर से सांसद आज़म खान कई महीनों से जेल में बंद हैं.
कुछ हफ़्तों पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि बीजेपी और कांग्रेस को छोड़ कर वे किसी से भी गठबंधन को तैयार हैं. लेकिन अखिलेश ने ये कह कर उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि ओवैसी के भड़काऊ भाषण से बीजेपी को फ़ायदा मिल जाता है. ओवैसी ने अकेले अपने ही दम पर कम से कम सौ सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है.
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