UP Election 2022: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग बनेगा यूपी चुनावों का एक अहम राजनीतिक मुद्दा?
संसद सत्र (Parliament Session) खत्म हो चुका है. ऐसे में क्या केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) की बर्खास्तगी यूपी चुनाव में अहम राजनैतिक मुद्दा बन पाएगा?
UP Assembly Elections 2022: संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (winter session) का आज समापन हो गया. संसद के दोनों सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिए गए. लेकिन विपक्ष पूरे सत्र के दौरान दो मुद्दों को लेकर सबसे ज्यादा हमलावर रहा. पहला राज्य सभा (Rajya Sabha) में 12 विपक्षी सांसदों का निलंबन और दूसरा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) के निलंबन और बर्खास्तगी की मांग. इसके चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार बाधित होती रही. हालांकि, सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं ने भी बार-बार यही दोहराया कि अजय मिश्र टेनी के खिलाफ सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं लिहाजा विपक्ष इस मुद्दे को तूल देकर सिर्फ राजनीति कर रहा है.
एबीपी न्यूज़ के पत्रकार के साथ बदसलूकी करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे और बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा और इसके चलते लगातार दोनों सदनों की कार्रवाई बाधित होती रही. अजय मिश्र टेनी पत्रकार के साथ बदसलूकी करने के बाद दिल्ली तो जरूर पहुंचे पर उसके बाद से ही वह लगातार गायब बने रहे. इस दौरान न तो वो अपने घर पर नजर आए और न ही संसद की कार्रवाई में हिस्सा लेते हुए. आखिरकार पत्रकार से बदसलूकी की घटना के 6 दिन बाद यानी मंगलवार शाम को गृह मंत्रालय की कंसलटेटिव कमिटी की बैठक के दौरान अजय मिश्र टेनी जरूर नजर आए और इसके साथ ही विपक्ष को एक बार फिर से नए सिरे से अजय मिश्र टेनी पर हमला करने का एक और मौका मिल गया.
विपक्ष भले ही हमलावर रहा हो लेकिन सत्तापक्ष से जुड़े हुए नेता लगातार टेनी के पक्ष में ही खड़े हुए नजर आते रहे हैं. संसद के अंदर से लेकर बाहर तक टेनी के पक्ष में खड़े नेताओं का यही कहना है कि अजय मिश्र टेनी के खिलाफ सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं है क्योंकि लखीपुर हिंसा मामले में अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा तो आरोपी जरूर है लेकिन बेटे के कृत्य की सजा उसके पिता को नहीं दी जा सकती.
वहीं जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के सदन से गैर उपस्थिति को लेकर जब लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला से सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सदन में मेरे सामने कभी उनके सदन में रहने की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उनके नाम से ना तो कोई बिल था और ना ही कोई मौखिक सवाल. इस सबके बीच संसद का शीतकालीन सत्र निकल गया और पत्रकार के साथ बदसलूकी करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी विपक्ष के सवालों और हंगामे से बचते रहे.