जानिए क्या है वाराणसी के लोगों के मुद्दे, पीएम मोदी ने कितना किया है काम?
UP Election 2022: राजनीति के नजरिए से सबसे बड़े राज्य यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में एबीपी न्यूज ने वाराणसी के लोगों से बात कर जानने की कोशिश की है कि उनके मुद्दे क्या हैं.
UP Election 2022: राजनीतिक के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में एबीपी न्यूज की टीम पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंची. इस दौरान लोगों ने अपनी समस्याएं तो गिनाई हीं साथ ही यह भी बताया कि पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कितना काम किया है. इसके अलावा लोगों ने यह भी बताया कि उनके मुद्दे क्या हैं. बनारस के लोगों की माने तो आजादी के बाद से सात दशकों तक उपेक्षित रही काशी ने पिछले सात साल में अपनी आत्मा और दिल को परेशान किए बिना अपनी छवि में बदलाव देखा है. स्थानीय निवासी बताते हैं कि पीएम मोदी के सांसद बनने के बाद साल 2014 से हमारी धार्मिक परंपराओं को बहुत महत्व दिया गया है.
स्थानीय निवासी प्रमोद मिश्रा कहते हैं, ''वह रोज सुबह घाट पर आते हैं और बच्चो को मंत्रोच्चाण सिखाते हैं. 2014 से हमारी धार्मिक परंपराओं को बहुत महत्व दिया जा रहा है. साल 2014 के बाद, शाम की आरती की तरह देवी गंगा की आरती, और बनारस में अस्सी घाट के इस स्थान पर सुबह की आरती होती है. प्रातः काल हम सूर्य देव से प्रार्थना करते हैं, लोगों की भलाई के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया जाता है और यह सभी अनुष्ठान आस्था के साथ किए जाते हैं. ऐसा नहीं है कि हम इसे किसी के निर्देश या इच्छा पर करते हैं, यह सब भगवान के निर्देश के तहत और विश्वास के साथ होता है.''
मंजू मिश्रा ने बताया, ''शहर में एक ऐसी रिंग-रोड हो गई है, जो प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और कई अन्य राजमार्गों को सीधा कनेक्टिविटी देगी. यह शहर के अंदर की समस्याओं को खत्म करेगा और आवागमन को आसान बनाएगा, व्यापार की गति को तेज करेगा और परिवहन की लागत को कम करेगा.''
स्थानीय निवासी राजा राम सेठ ने बताया, ''हमारे क्षेत्र में कई साल से नगर निगम के सभी नलों से सीवर का पानी बहता है. हमारे साथ हमारे क्षेत्र में आएं और प्रत्येक घर के लोगों से पूछें, निश्चित रूप से उनकी यही समस्या होगी. इन बातों की कोई सुनवाई नहीं होती. ये हमारे क्षेत्र की समस्याएं हैं. जनता सिर्फ खाना, नहाना और काम करना चाहती है.'' वहीं कौशल द्विवेदी ने कहा कि अधिकांश विकास कार्य हो चुके हैं और जो रह गया है उस पर सरकार काम कर रही है.