राम भूमि चित्रकूट में धार्मिक उनत्ति से खुश हैं लोग? संत करेंगे सियासी वनवास का फैसला!
Chitrakoot: हर दल का नेता चित्रकूट आता है और भगवान राम के चरणों में अपना सिर झुकाकर वोटबैंक की राजनीति की शुरुआत कर जाता है.
UP Election: उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना तहजीब के नाम पर वोटबैंक की राजनीति होती है. इसकी शुरुआत मंदाकिनी नदी के तीर चित्रकूट से हो जाती है. वो चाहे समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव हों या कांग्रेस की प्रियंका गांधी या फिर योगी आदित्यनाथ. हर दल का नेता यहां आता है और भगवान राम के चरणों में अपना सिर झुकाकर वोटबैंक की राजनीति की शुरुआत कर जाता है.
'चित्रकूट के घाट पर भाई संतन की भीड़, तुलसीदास चन्दन घिसे तिलक करे रघुवीर.' चित्रकुट के जिस घाट पर तुलसीदास ने इन पंक्तियों की रचना की थी अब यहीं के लोग पंक्तियों में बदलाव कर के सियासत की अलग इतिहास की कहानी लिखने की तैयारी कर रहे हैं. संत जीवन दास ने कहा कि इस बार चित्रकूट और भगवान राम की चुनाव में बहुत बड़ी भूमिका है. चूंकि भगवान राम का मंदिर जो जन-जन में बसा हुआ है उसकी प्रतिकून हुई है और भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. साधु-संत चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी प्रभु राम का भव्य मंदिर तैयार हो जाए.
वहीं एक अन्य संत ने कहा कि बीजेपी पूर्वजों के दिखाए रास्तों पर चलेगी तो अबकी बार भारी मतों से विजयी होगी. संत ने बताया कि हम संतों का मानना होता है कि हमारे पूर्वज जिस रास्ते पर चले हम भी उसी पर चलें. योगी आदित्यनाथ साधु हैं और राम नाम के प्रति समर्पित हैं. योगी जी और मोदी जी राम नाम का पुल तैयार कर रहे हैं. हम उसी रस्ते पर चलना चाहते हैं.
चित्रकूट के लोगों का मानना है कि उन्नति होने में वक्त लगता है और अगर काम अच्छा हो रहा हो तो एक और मौका देने में कोई आपत्ति नहीं है. एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि यह धर्म की सरकार तो है ही और सबसे बड़े गर्व की बात है कि हमारे 500 साल की पूर्वजों की बलिदान. राम मंदिर योगी जी और मोदी जी के प्रयासों से बन रहा है.
अयोध्या में तो भव्य राम मंदिर तैयार हो रहा है. चित्रकूट में अभी वो रूप देखने को नहीं मिल रहा है. चित्रकूट में मां मंदाकिनी हैं. चित्रकूट का विकास सबसे पहले मां मंदाकिनी का बचाव है. हमें विश्वास है कि जब सब कुछ इतने भव्य रूप में हो रहा है तो योगी जी को समय दिया जाये तो चित्रकूट में भी धर्म की ध्वजा लहराएगी.
चित्रकूट की जनता बोली- 70 वर्षों से नहीं हुआ था विकास
चित्रकूट की आम जनता का मानना है कि वर्तमान सरकार के द्वारा जिस तरह चित्रकूट को विकसित किया जा रहा है, योगी सरकार के द्वारा जो काम हुए हैं वो सराहनीय हैं. जो 70 सालों में नहीं हुआ वो अब दिख रहा है और लगता है कि भविष्य में भी चीजें अच्छी होंगी.
चित्रकूट न सिर्फ एक आस्था का शहर है, बल्कि एक ऐसा शहर है जो अपनी प्राचीनतम अंदाज में अब पाविनी कारण का स्वरूप ले रहा है. यहां पर रंगीन दीवारें दिख रही हैं. बहुत सारी चीजें बदल गई हैं. घाटों पर तस्वीर थोड़ी बदली-बदली नजर आ रही है. एक्सप्रेसवे के नाम पर विकास का तमगा भी मिल गया है, लेकिन इस शहर को हमेशा अपने अंदाज में भगवान राम की नगरी के रूप में ही जाना गया है. ये देखना दिलचस्प होगा कि यहां का वोटर इस बार भगवान राम के नाम पर जाता है या फिर विकास के नाम पर.
हर पार्टी कर रही है वोटर को खुश करने की कोशिश
चित्रकूट, बुंदेलखंड का एक ऐसा इलाका जहां बीजेपी ने अपना दबदबा कायम रखा है. चित्रकूट बांदा (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2008 से इस विधानसभा क्षेत्र की संख्या 403 निर्वाचन क्षेत्रों में से 236 है. वर्तमान में यह सीट बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय की है, जिन्होंने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार वीर सिंह को 26,936 मतों के अंतर से हराया था.
अपने क्षेत्र से कई बार जीत का पर्चा लहराने के बाद फिर एक बार चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने विजयी होने का विश्वास दिखाया है. उन्होंने कहा कि मैं जीत को लेकर आश्वस्त हूं, क्योंकि हमारे क्षेत्र में पहले बहुत काम नहीं हुआ था. यहां प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से और इस स्थान से जुड़ी अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण उन्होंने यहां बहुत काम किया है. उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में काफी काम किया है और इसलिए जनता उन्हें सत्ता में देखना चाहती है.
बुंदेलखंड में 19 सीटें हैं और पिछले तीन चुनावों 2014, 2017, और 2019 के बाद से तीनों बार बीजेपी ने यहां की सभी सीटों पर जीत हासिल की है. चंद्रिका प्रसाद ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी पिछले चुनावों की तरह ही होगा. यहां सबसे बड़ी समस्या यह थी कि यहां बड़ी संख्या में डाकू थे. अब इन डाकुओं को गिरा दिया गया है और अब आप देख सकते हैं कि एक आम आदमी कभी भी कहीं भी जा सकता है. महिलाएं रात में बाहर जा सकती हैं. किसान अपने खेतों में जा सकते हैं. इसलिए लोगों का इतना अच्छा प्रभाव है कि उन्हें लगता है कि योगी जी की सरकार फिर से आनी चाहिए.
'भगवान राम को हमने ही लाया'
चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि भगवान राम सबके हैं और हमारे सिवा भगवान राम को कोई और नहीं लाया. भगवान राम के नाम से हम फूल बरसाते हैं तो मुख्य अंतर हमारी विचारधारा में है. हम केवल चुनाव के समय भगवान राम को नहीं लाते, हम उन्हें पूरे 12 महीनों में याद करते हैं. विधायक ने कहा कि मंदिर का पुनर्निर्माण रामभक्त की मूल जिम्मेदारी है.
उधर बीजेपी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता कुशल पटेल ने बताया कि यह बुंदेलखंड की शुरुआत है और इसके पहले भी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी यहां आए हैं और भगवान का दर्शन किए हैं, लेकिन इस बार प्रियंका गांधी ने मन बनाया और पूरी परिक्रमा 40 मिनट में की. अच्छा है कि भगवान राम की तपोस्थली से उन्होंने शुरुआत. जब भी हमारे नेता यहां आए हैं तो वे हमेशा कंथादनाथी का दर्शन किए हैं. इसके पूर्ण भी पहले भी सभी नेताओं ने मिलकर परिकर्मा की थी और दर्शन भी किए थे.
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