UP Elections 2022: Barabanki की इस मजार पर पहुंचते हैं राजनेता, एकसाथ मत्था टेकते हैं हिंदू और मुस्लिम
UP Elections 2022: हाजी मुहम्मद वसीम ने इस मजार की विशेषता बताते हुए कहा कि यह "सिद्धपुरुष" हैं और उन्होंने "सिद्धि" की थी. उन्होंने ईश्वर की उपस्थिति को महसूस किया था.
UP Elections 2022: लखनऊ से सटे बाराबंकी में बाबा हाजी वारिस अली शाह की मजार पर हिंदू और मुस्लिम एकसाथ मत्था टेकते हैं. देवा शरीफ हाजी वारिस अली शाह की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है. यह राजधानी लखनऊ से लगभग 26 किमी उत्तर-पूर्व में है. राज्य सरकार औपचारिक रूप से देवा शरीफ को एक भाषाई अल्पसंख्यक आबादी वाले शहर के रूप में मान्यता देती है, जहां उर्दू बोलने वालों की संख्या स्थानीय आबादी का 15 प्रतिशत या उससे अधिक है. इसे यूपी के हेरिटेज आर्क में प्रमुख स्थलों में से एक के रूप में रखा गया था.
हाजी मुहम्मद वसीम ने इस मजार की विशेषता बताते हुए कहा कि यह "सिद्धपुरुष" हैं और उन्होंने "सिद्धि" की थी. उन्होंने ईश्वर की उपस्थिति को महसूस किया था. भगवान उनके अनुसार थे और वह भगवान के अनुसार थे. वह जो कुछ भी कहते हैं वह सच हो जाता था. उदाहरण के लिए यदि आप एक राजनीतिक विषय लेते हैं, तो मायावती आईं, वो रोईं और भीख मांगीं. उनकी सरकार बन गयी. उसके बाद उन्होंने किसी की परवाह नहीं की. वह वाल्मीकि और सब के बारे में बात कर रही थीं, लेकिन मुसलमान कहां गया? कहां गए सिख? ईसाई कहां गए? क्या उन्होंने सभी को समान अधिकार दिया है? नहीं. सबका साथ सबका विकास की अवधारणा अब सबका साथ सबका सत्यनाश में बदल रही है.
लोगों के विश्वास ने रब और राम को किया एक
'सबका मालिक एक', यह साईं बाबा ने कहा था और अब इस मजार में आने वाले लोगों ने इस वाक्य का उदाहरण भी दिखा दिया. देवा शरीफ मजार पर सौहार्द की चादर तले लोबान की खुशबू आपके तन मन को सुकून देने के साथ नई ताजगी देती है. यहां ‘जो रब है वही राम है’ का संदेश देने वाले सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह एकता और भाईचारे की मिसाल है.
उनके सौहार्द के संदेश विश्वभर में लोकप्रिय हैं. संदेशों की तरह सूफी संत की ख्याति भी है. दरगाह पर हिंदू-मुस्लिम सहित सभी धर्मों के लोग माथा टेकने पहुंचते हैं. कार्तिक मास में उनके पिता कुर्बान अली की याद में लगने वाले मेले में देश-दुनिया से लोग पहुंचते हैं. इसके अलावा सफर माह, चैत मेला और हर माह के अंतिम गुरुवार को उनकी दरगाह पर नौचंदी में काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं. यहां मुसलमान होली भी खेलते हैं और दिवाली के दीये भी जलाते हैं.
मजार में माथा टेकने आये दिनेश ने बताया कि हम यहां 5-6 साल से आ रहे हैं और उनके बारे में सुना है, हम जोहानपुर जिले से आये हैं. हमारे यहां बहुत समस्या थी, अब हमारी सरकार के अच्छे कामों के कारण यह धीरे-धीरे कम हो गई है. उनके बारे में जितना कहा जाए उतना कम है. हमारा अनुभव रहा है कि यहां हर धर्म के लोग आते हैं. हमारा मानना है कि यहां आकर मुरादें पूरी होती हैं, इसलिए लोग यहां आते हैं. जो यहां अपनी मनोकामना मांगते हैं वो पूरी होती हैं.
एक महिला ने कहा कि हम यहां अपने दुख बांटने आते हैं, हम जो मांगते हैं वह सब कुछ मिलता है और न मांगे भी तो हमारी मनोकामना पूरी होती है. यहां हर धर्म के लोग आते हैं. यहां खून का बंटवारा नहीं होता और यहां आकर बहुत अच्छा लगता है, दुख भी कम होता है. धन में वृद्धि होती है. यह हर किसी की पसंद है कि कौन किस पर विश्वास करना चाहता है. यहां आकर जीवन बदल गया, गुरुजी मिले और उनके आशीर्वाद से हमारा जीवन बदल गया.
कशिश खान ने कहा कि यहां लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मेरी इच्छाएं कई बार पूरी हुई हैं. यहां से कभी खाली हाथ नहीं गए. शायद इसीलिए यहां सभी अपनी मन्नत लेकर आते हैं क्योंकि बाबा के दरबार से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता.
चुनाव से पहले पार्टियां लोगों को खुश करने में जुटीं
बाराबंकी जिले में छह विधानसभा सीटें हैं. दो पर इस समय समाजवादी पार्टी का कब्जा है तो चार पर इस समय बीजेपी काबिज है. समाजवादी पार्टी के राजन सिंह ने कहा कि सपा इस चुनाव में विकास का मुद्दा लेकर लोगों के बीच जाएगी. दूसरा मुद्दा ये है कि सरकार ने वादे किए थे उसपर काम नहीं हुआ. युवा परेशान हैं और बेरोजगारी से त्रस्त हैं. किसानों का मुद्दा है. किसानों की बात को कोई सुनने वाला नहीं है. एक साल तक किसानों ने जब धरना प्रदर्शन किया, उसके बाद ये सरकार की समझ में आया कि चुनाव गड़बड़ हो सकता है तो इन्होंने कानून वापस ले लिए. तीसरा मुद्दा है महिलाओं की सुरक्षा को लेकर.
राजन सिंह ने आगे कहा कि बीजेपी के पास केवल एक ही मुद्दा है. वो हिंदू और मुसलमान के नाम पे लोगों को बांटना चाहती है. इन्होंने विकास का तो कोई काम किया नहीं. आप विकास की बात करेंगे तो ये काशी की बात करेंगे. ये बस नाम बदलते हैं.
गरियावल से विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस चुनाव में बीजेपी के बड़े अंतर से जीतने की प्रबल संभावना है. पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में सरकार ने अधूरी नीतियों और कार्यों को पूरा किया गया है और लोग यह जानते हैं. जनता विपक्ष के साथ नहीं है. वे जानते हैं कि अगर समाजवादी पार्टी बनी तो केवल भ्रष्टाचार और अपराध होगा. बीजेपी ने युवाओं की जिस तरह से मदद की है वह अब तक कोई भी सरकार नहीं की.