(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली और लखनऊ की दूरी के नाम पर सीएम योगी को घेरने में जुटे अखिलेश यादव
UP Election 2022: एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी चाहे कितनी भी बैठकें कर ले पर अब जनता इन्हें उठाकर और हटाकर ही दम लेगी.
UP Election 2022: यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी के सांसद दिल्ली में चिंतन कर रहे हैं. दो दिनों तक लोकसभा और राज्य सभा के एमपी चुनाव की रणनीति पर माथा पच्ची करेंगे. आज से शुरू हो रही इस बैठक पर अखिलेश यादव ने दिल्ली से ही हमला बोला है. संसद की बैठक में शामिल होने आए अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी यूपी की दुर्दशा का हाल दिल्ली बुला कर पूछ रही है. इससे पता चलता है कि दिल्ली और लखनऊ में कितनी दूरी है. अखिलेश यादव आगे लिखते हैं कि बीजेपी चाहे कितनी भी बैठकें कर ले पर अब जनता इन्हें उठा कर और हटा कर ही दम लेगी. आकलन बाद में और ( झूठी) तारीफ़ पहले.
भाजपा आज अपने उप्र के सांसदों से यूपी की दुर्दशा व दुर्गति का हाल दिल्ली बुलाकर पूछ रही है, इससे पता चलता है कि दिल्ली तथा लखनऊ में कितनी दूरी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 28, 2021
भाजपा चाहे कितनी भी बैठकें कर ले पर अब जनता इन्हें उठाकर और हटाकर ही दम लेगी।
आँकलन बाद में और (झूठी) तारीफ़ पहले, वाह रे भाजपा!
दिल्ली और लखनऊ की दूरी के बहाने अखिलेश यादव उस चर्चा को हवा दे रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में कुछ खटपट है. इससे जुड़ी बातें पिछले दो महीने से चल रही है. वैसे अपने हाल के वाराणसी दौरे में पीएम नरेन्द्र मोदी ने योगी सरकार की जम कर तारीफ़ की थी. संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के साथ योगी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर चाय भी पी थी. कहा जाता है कि योगी और केशव के रिश्ते मधुर नहीं हैं. लेकिन इस मुलाक़ात के बाद केशव ने ही कहा था कि हमारे बीच जो भी दीवारें आयेंगी, हम उसे ख़त्म कर देंगे.
दिल्ली के कॉन्स्टिटूशन क्लब में बीजेपी के सांसदों की आज और कल मीटिंग हो रही है. एजेंडा यूपी चुनाव है. राज्य में सात महीने बाद विधानसभा के चुनाव हैं. बंगाल की हार के बाद यूपी चुनाव बीजेपी के लिए आर पार की लड़ाई बन गई है. पार्टी इन दिनों लगातार बैठकें कर रही है.
दूसरी तरफ़ लगातार तीन हार के बाद समाजवादी पार्टी ने भी पूरी ताक़त झोंक दी है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव को हार नसीब हुआ. कांग्रेस के साथ गठबंधन के बावजूद 2017 का चुनाव समाजवादी पार्टी हार चुकी है. इसीलिए इस बार अखिलेश ने किसी भी बड़ी पार्टी से चुनावी तालमेल न करने का फ़ैसला किया है. वहीं बीजेपी ने फिर से तीन सौ पार का लक्ष्य रखा है.
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