देश में भले ही ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश में चुनावी तपिश का असर साफ दिखने लगा है. आज बृहस्पतिवार को अगर यूपी की सियासत में सियासी गुरुवार कहा जाए तो गलत नहीं होगा. सहारनपुर में अमित शाह, ललितपुर में अखिलेश यादव तो मुरादाबाद में प्रियंका गांधी ने एक-दूजे पर जमकर वार-पलटवार किए. 2022 के उत्तर प्रदेश चुनावों की फिल्म तो अगले साल रिलीज होगी लेकिन जनता को ट्रेलर अभी से नजर आने लगा है. देश के कुछ इलाकों में हल्की-बूंदा बांदी हुई लेकिन बयानों का तूफान तो उत्तर प्रदेश में दिखा. आइए आपको बताते हैं कि किस नेता ने अपनी रैली में क्या कहा.
1. गृह मंत्री अमित शाह जब सहारनपुर पहुंचे तो उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दंगे होते थे. युवा मारे जाते थे. कई दिनों तक कर्फ्यू रहता था और एक तरफा मुकदमे दर्ज करने की प्रवृत्ति होती थी.
2.आज उत्तर प्रदेश को दंगों से बाहर निकालने का काम भाजपा सरकार ने किया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, "अभी मैं अखिलेश जी का भाषण टीवी पर सुन रहा था. वह कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश में अपराध बढ़ गया है. अखिलेश जी कहां से चश्मा लाए हो, किस चश्मे से देखते हो."
3. शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक जमाना था कि माफियाओं से पुलिस डरती थी, लेकिन आज माफिया मुर्गा बन कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लोगों को पलायन के लिए मजबूर करने वाले तत्वों को खुद भागने को विवश करके योगी सरकार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सम्मान वापस लौटाया है.
4. ललितपुर में अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना काल में बंटवारे से भी ज्यादा दर्दनाक तस्वीर देखने को मिली. न जाने कितने लोगों की जान चली गई. सरकार ने लोगों को मरने के लिए अनाथ छोड़ दिया. मजदूर भाइयों को अपनी जान पर खेलकर घर पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर किया गया.
5. उन्होंने कहा, हमारी सरकार होती तो हम एक भी मजदूर भाई को पैदल न चलने देते. उन्हें हर हाल में गाड़ी दी जाती. बीजेपी सरकार ने तो महामारी के दौरान मजदूर भाइयों को पृथकवास के नाम पर गौशाला में रखा.
6. अखिलेश ने कहा, 'योगी वही होता है जो दूसरों के दर्द को अपना समझे. आप बताएं क्या वह (योगी आदित्यनाथ) दूसरे के दर्द को अपना समझते हैं. ये चिलमजीवी लोग उत्तर प्रदेश को आगे नहीं ले सकते.' उन्होंने कहा, 'किसानों के सामने इस वक्त सबसे ज्यादा संकट है. उन्हें खाद के लिए लंबी-लंबी लाइन लगानी पड़ रही है. इस बार ललितपुर के लोग लाइन में लगकर बीजेपी के खिलाफ इतने वोट डालें कि वह सत्ता से बेदखल हो जाए.'
7. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. पीतल नगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद में प्रियंका ने कहा, बीजेपी सरकार की नीतियों के कारण व्यापारी बर्बाद हो गए. नोटबंदी से कोई काला धन वापस नहीं आया. जीएसटी ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी. कारीगरों की दिहाड़ी आधी हो गई. बिजली-डीजल और कच्चा माल महंगा हो गया.
8. ब्याज पर सब्सिडी कम कर दी गई. प्रियंका ने कहा, शादी के वक्त ये एक खुशहाल शहर था. व्यापारियों से लेकर मज़दूरों की मेहनत के साथ-साथ ऐसी सरकार थी, जिसने आपकी मदद की. उसमें एक्सपोर्ट काउंसिल बनी, निर्यातकों को हर तरह से मदद दी गई. मेरे पिता राजीव गांधी ने हर तरह से मदद की. उस समय आठ हजार करोड़ का निर्यात होता था. आज दो हजार का हो रहा है. दो लाख लोगों की रोटी-रोजी खत्म हो गई.
9. यूपी और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए प्रियंका ने कहा, आपने पीतल नगरी बनाई. इन्होंने अंधेर नगरी बनाई, जिसका चौपट राजा है. टीईटी का पेपर आउट हुआ. ये पहली बार नहीं हुआ. 12 बार पेपर आउट हो चुका है.
10. योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि नौकरी योग्य लोग नहीं हैं. हर तरफ नौजवान बेरोजगारी का शिकार हैं. जहां जाइए यही सवाल उठ रहा है. सीएम योगी से व्यापारी मिलना चाहते हैं, उनके पास समय नहीं है.
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