UP Election Interesting Story: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) की सरगर्मी तेज है. नारों, वादों और आरोपों के दौर के बीच सियासी उलटफेर करने की कोशिशें की जा रही हैं. राजनीतिक फिज़ा में छींटाकशी भी कम नहीं हो रही है. यूपी के इस चुनावी माहौल में यहां एक ऐसे किस्से का जिक्र जरूरी है, जो बेहद रोचक है. सियासी उलटफेर के किस्से आपने काफी सुने होंगे, लेकिन ये किस्सा आपको कुछ देर के लिए चौंकाएगा जरूर. ये राजनीतिक कहानी आज की नहीं दो दशक पहले की है. 


रातों रात सियासी गलियारों में कुछ ऐसा हुआ, जिसने यूपी की राजनीति में भूचाल लाकर रख दिया. देखते ही देखते कुछ घंटों के लिए यूपी की सियासी तस्वीर ही बदल दी गई. एक जाने पहचाने और कद्दावर सीएम को हटाकर उनके ही कैबिनेट मंत्री को मुख्यमंत्री बना दिया गया. 21 फरवरी की हल्की सर्द रात और साल था 1998.  इसी साल 21 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) को राज्यपाल रोमेश भंडारी ने उनके पद से बर्खास्त कर दिया. जिसके बाद उन्होंने कल्याण सिंह की ही सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जगदंबिका पाल को रात के साढ़े 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी. फैसले का असर कुछ ऐसा हुआ कि राजनीतिक तस्वीर ही नहीं बदली, बल्कि सियासी गलियारों में भूचाल आ गया.




धरने पर बैठ गए थे अटल बिहारी वाजपेयी


फैसले के विरोध में बीजेपी के बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) समेत कई नेता धरने पर बैठ गए. रात को ही हाईकोर्ट (High Court) में अपील दायर की गई. 22 फरवरी के दिन जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली. इसी बीच हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कल्याण सिंह ही मुख्यमंत्री हैं. हर घंटे बदलती सिचुएशन के बाद कल्याण सिंह सचिवालय पहुंचे, जहां जगदंबिका पाल पहले से ही सीएम की कुर्सी पर बैठे हुए थे. 




ऐसे पलटा गया फैसला


हाईकोर्ट के आदेश की बात बताकर जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) को कुर्सी से हटाया गया. जिसके बाद एक फिर कल्याण सिंह (Kalyan Singh) मुख्यमंत्री के रूप में फिर अपनी कुर्सी पर बैठे. कल्याण सिंह से 26 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा गया. जिसके बाद उन्होंने बहुमत साबित कर दिया. राजनीतिक इतिहास में ये रोचक किस्सा दर्ज हो गया, जब जगदंबिका पाल कुछ घंटों के मुख्यमंत्री बनकर रह गए.


क्यों कल्याण सिंह को हटाया


उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को इसलिए बर्खास्त कर दिया, क्योंकि जगदंबिका पाल ने अपनी पार्टी के 22 विधायकों का समर्थन BJP सरकार से वापस ले लिया था. जगदंबिका पाल ने पूरे सदन का विश्वास होने का दावा किया था, जिसके बाद राज्यपाल ने जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री बना दिया.