Uttar Pradesh Election: यूपी चुनाव को लेकर कांग्रेस शुरू करेगी 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश' अभियान
UP Election: कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि इस अभियान के तहत कांग्रेस बीते 32 सालों के दौरान यूपी की सरकार चलाने वाली तीनों पार्टियों बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बीएसपी की नाकामियां गिनाएगी.
Uttar Pradesh Election: यूपी चुनाव को लेकर कांग्रेस नया अभियान शुरू करने जा रही है. पार्टी 9 अगस्त से "किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश" अभियान शुरू करने जा रही है, जिसमें यूपी में बीते 32 सालों की विभिन्न सरकारों को कांग्रेस घेरेगी. हालांकि मुख्य रूप से योगी सरकार को निशाना बनाया जाएगा. इस अभियान के लिए बड़े पैमाने पर पार्टी कार्यकर्ताओं को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.
उच्च सूत्रों के मुताबिक, इस अभियान के लिए कांग्रेस यूपी में 70 हजार कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देगी. इसके लिए करीब 675 ट्रेनिंग कैंपों की रूपरेखा तैयार की गई है. यूपी के 100 नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक समूह छत्तीसगढ़ में विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण ले रहा है. इन्हें "मास्टर ट्रेनर" का नाम दिया गया है. प्रशिक्षण के बाद ये मास्टर ट्रेनर ब्लॉक और विधानसभा वार प्रशिक्षण शिविर में 70 हजार कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे. 12 अगस्त से यह प्रशिक्षण शुरू होगा.
प्रशिक्षण शिविर में "किसने बिगड़ा यूपी" अभियान के अलावा कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट का पाठ सिखाया जाएगा. सोशल मीडिया के बेहतर उपयोग की तकनीक भी कार्यकर्ताओं को सिखायी जाएगी. पंचायत स्तर पर व्हाट्सऐप ग्रुप सक्रिय करने पर जोर दिया जाएगा. प्रियंका गांधी के यूपी प्रभारी बनने के बाद से बीते दो सालों में कांग्रेस का संगठन पंचायत स्तर तक बन तो गया है लेकिन यूपी की राजनीति में अभी भी उसे चौथे नंबर की पार्टी ही माना जाता है.
नाकामियां गिनाएगी कांग्रेस
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि इस अभियान के तहत कांग्रेस बीते 32 सालों के दौरान यूपी की सरकार चलाने वाली तीनों पार्टियों बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बीएसपी की नाकामियां गिनाएगी. कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. हालांकि बीते दिनों में अपने लखनऊ दौरे के बीच महासचिव प्रियंका गांधी ने गठबंधन के विकल्प से इनकार नहीं किया था. 32 सालों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले "27 साल यूपी बेहाल" का नारा दिया था. हालांकि बाद में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया. हालांकि केवल सात सीटें जीत पाई थी.
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