UP Election Result: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी को बहुमत मिला है. पूर्वांचल को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाने लगा लेकिन इस बार के चुनाव में यहां कुछ अलग सियासी हवा बहते हुए दिखी है. पिछली बार के परिणाम से इस बार यहां अलग ही तस्वीर देखने को मिली है. समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने बीजेपी को यहां कड़ी टक्कर दी है. पूर्वांचल की सबसे चर्चित सीट मानी जाने वाली वाराणसी की 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्‍कर देखने को मिली. वाराणसी के साथ पड़ोसी जिलों में बीजेपी ने अपने पहले के प्रदर्शन को तो बरकरार रखा लेकिन आजमगढ़ और गाजीपुर में बीजेपी का प्रदर्शन गड़बड़ा गया. समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने इस बार यहां अपनी सियासी पैठ मजबूत की. जबकि यहां बीएसपी की सियासी जमीन खिसक गई.


पूर्वांचल में बीजेपी को नुकसान


आंकड़ों पर गौर करें तो पूर्वांचल में इस बार बीजेपी को कई सीटों का नुकसान हुआ है. वहीं समाजवादी पार्टी के यहां से पहले की तुलना में करीब ढ़ाई गुना ज्यादा विधायक जीतकर आए. बीएसपी महज एक सीट पर ही सिमटकर रह गई तो कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई. बीजेपी के प्रत्याशियों ने यहां 10 जिलों में 29 सीटों पर विजय पताका लहराया है जबकि समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में काफी अच्छा रहा और करीब ढाई गुनी सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत का स्वाद चखा. साल 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को 12 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन इस बार 31 सीटों पर शानदार जीत मिली है. पिछली बार के विधानसभा चुनाव में इन जिलों में बीएसपी को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस के खाते में 1 सीट आई थी. 


समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन रहा बेहतर


पूर्वांचल में इस बार समाजवादी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इसके पीछे की वजह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन को माना जा रहा है. यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी गठबंधन में शामिल पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटों पर जीत हासिल हुई है. पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले की जहूराबाद और बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ सीट से चुनाव जीत गए. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 4 सीटों पर उन्हें जीत मिली थी. इसके बाद वो योगी सरकार में मंत्री बने थे. साल 2019 में ओमप्रकाश राजभर ने बागी तेवर अपनाए और इस बार उन्होंने अखिलेश यादव से हाथ मिलाया था. यूपी के बलिया, गाजीपुर, जौनपुर,  मऊ, आजमगढ़, देवरिया जिलों में राजभर बिरादरी के मतदाताओं की अच्छी तादाद है और राजभर की यहां अच्छी पकड़ मानी जाती है.


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