UP Elections 2022: यूपी चुनाव के बीच ABP News से Rakesh Tikait की बात, इन मुद्दों पर रखी राय
UP Elections: यूपी चुनाव (UP elections) के बीच राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) एबीपी न्यूज (ABP News) से खुलकर बात की. उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी.
Rakesh Tikait Interview: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही राज्य में चुनावी (Election) माहौल गरमा गया है. सभी दलों की ओर से बहुमत का दावा किया जा रहा है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एबीपी न्यूज (ABP News) से खास बातचीत की. किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन मजबूती के साथ खड़ा है. हर राज्य में जहां किसानों को कठिनाई होती है, हम वहां जाते हैं और किसान अपनी जगह पर खड़े होकर विरोध करते हैं. इसके अलावा राकेश टिकैत ने कई अन्य मुद्दों पर खुलकर बात की.
सवाल- अभी हम बात कर रहे हैं किसानों के लिए चुनाव की खासकर मुजफ्फरनगर जिले की सभी 6 सीटों पर सभी दलों ने एक ही धर्म के उम्मीदवार उतारे हैं जबकि यहां 40 फीसदी से ज्यादा मतदाता मुस्लिम हैं. आप इसे कैसे देखते हैं?
राकेश टिकैत- अब हर कोई जो एक निश्चित स्थान पर लाभ पाता है, वहां से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की घोषणा करता है. क्या फर्क पड़ता है? यहां हर कोई किसान, मजदूर, दुकानदार है.
सवाल- बीजेपी का कहना है कि सभी किसान हमारे साथ हैं?
राकेश टिकैत- हां, तो किसान अपनी फसल को आधी कीमत पर बेचकर जिसे चाहें वोट देंगे. मैं उनसे क्या कहूंगा?
सवाल- आप इसे कैसे देखते हैं?
राकेश टिकैत- जो कुछ वे कह रहे हैं, उन्हें कहने दीजिए. दिल्ली में 13 महीने से आंदोलन चल रहा है. अब आप जिसे चाहें वोट दें.
सवाल- यहां के सांसद कभी नरेश टिकैत से मिलते हैं तो कभी आपसे मिलते हैं, बैठक होती है, क्या चर्चा होती है?
राकेश टिकैत- हम बात करते रहते हैं. बैठक कोई समस्या नहीं है, यह एक सार्वजनिक घर है. यहां हर कोई सबसे मिलने आता है. कल, एक बस चालक मुझे सड़क पर मिला. उन्होंने एक तस्वीर खींची और पोस्ट की. कल कोई तीसरा व्यक्ति मिलेगा. तो, यहां सब आते हैं. मुझे किसी से कोई दिक्कत नहीं है. इसे जनता देखेगी. वे वोट देंगे कि कौन और कहां, वे बुद्धिमान हैं और अपने लिए फैसला करेंगे.
सवाल- पाकिस्तान को लेकर पंजाब में एक बड़ा मुद्दा सामने आ रहा है. सिर्फ चुनाव के दौरान ही ऐसी बातें क्यों?
राकेश टिकैत- वहीं से वेतन मिलता है. वे चुनाव के दौरान अपना नाम लेते हैं. इसलिए इसके नाम से ऐसा लगता है कि वोट बंट जाएगा. वोट आएगा, उनका नाम ले लो, पाकिस्तान का नाम. ऐसा यहां भी होता था. हिंदू, मुस्लिम, जिन्ना, पाकिस्तान. उत्तर प्रदेश में पाकिस्तान का नाम हटा दिया गया है लेकिन हिंदू मुस्लिम और जिन्ना जारी है. ढाई महीने की सरकार यहां पेरोल पर है. वे उस पर काम कर रहे हैं. वे यहां 15 मार्च तक रहेंगे और फिर चले जाएंगे.
सवाल- यह कौन है?
राकेश टिकैत- यह कौन है सरकार बताएगी. उनका जिक्र करते रहते हैं. वे जो व्यवस्था लागू करना चाहते हैं, यहां की जनता उन व्यवस्थाओं पर नहीं चलेगी.
सवाल- यह कौन सी व्यवस्था है जिसे जनता नहीं मानेगी?
राकेश टिकैत- जनता इस पेरोल सिस्टम पर नहीं जाएगी जिसे वे लेना चाहते हैं. जनता जाएगी, हिंदू मुसलमान, उस जनता में फिर जाएगी. देश के गृह मंत्री हर गांव में पर्चे बांट रहे हैं. तो वे इसे कहां ले जाना चाहते हैं? यह बहुत ही शांतिप्रिय क्षेत्र है. यह पूरी पेटी गन्ने की है, यह मीठी पेटी है. यह बिल्कुल भी कड़वी बेल्ट नहीं है. मुजफ्फरनगर उनके लिए प्रयोगशाला बन गया है. नए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में. अगर उन्हें एक नया राष्ट्र बनना है, तो उन्हें अपनी प्रयोगशाला से बाहर निकलना होगा. उन्हें कुछ और कोशिश करनी होगी.
सवाल- मुजफ्फरनगर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का राजनीतिक केंद्र माना जाता है?
राकेश टिकैत- यह आपका विचार है. यहां से सब कुछ क्लियर हो जाता है. अब यहां कुछ भी नहीं है. जो भी किसी को वोट देना चाहता है वो शांति से वोट करे. एक बात तो सही है कि चुनाव में खर्चा कम होता है. यह एक बेहतरीन चीज है. अगर इसे पेश किया जाता है तो आने वाले समय में कोई भी व्यक्ति जो सामाजिक व्यक्ति है, जो जनता के बीच रहकर काम करेगा. इसलिए उन्हें भी चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा. यह सही बात है. चुनाव आयोग ने सही किया. यह चुनाव आयोग का, भारत सरकार का, राज्य सरकार का या पुलिस प्रशासन का था, यह ठीक है. कहीं कोई झंडा या पोस्टर नहीं है. लोगों के घर पहुंचेंगे पैम्फलेट विचार प्रक्रिया के आधार पर लोग मतदान करेंगे.
सवाल- भाजपा कह रही है, हमारी विचार प्रक्रिया हिंदुत्ववादी है और हम फिर इसी आधार पर वोट मांगेंगे लेकिन विकास के काम की बात कर रहे हैं?
राकेश टिकैत- विकास के नाम पर और हिंदुत्व की विचार प्रक्रिया पर वोट मांगे जाएंगे. सरकार का काम हिंदुत्व विचार प्रक्रिया के आधार पर वोट मांगना है, ठीक है, मांगना चाहिए. जो मदरसा बन रहा है, वे कह रहे हैं कि मुसलमान वहां पढ़े. ठीक है मदरसा बन रहा है. उसमें 30% हिंदू छात्रों को भी पढ़ाएं और एक सिलेबस यहां लाएं. पूरे उत्तर प्रदेश में एक कोर्स चलाओ. और सबको साथ लेकर चलते हैं. विकास कार्य भी होंगे, शिक्षा भी होगी और बच्चों की पढ़ाई आपस में होने दें. सरकार हिंदू मुस्लिम पर काम करे तो यह सरकार का काम नहीं है. वे जिस पैटर्न पर जाने को तैयार हैं, जनता उससे थक चुकी है. जनता उस पर नहीं जाएगी.
सवाल- आपके अनुसार मदरसे में क्या बदलाव किए जाने चाहिए?
राकेश टिकैत- मैंने कहा कि हर चीज में बदलाव लाना चाहिए. देश में एक सिलेबस होना चाहिए. ऐसा क्यों नहीं हो सकता? इसे करें. यह मदरसा में करें, विभिन्न संगठनों में, आरएसएस के संगठनों में भी ऐसा करें. पूरे देश की व्यवस्था को एक पैटर्न में लाओ. सबको शिक्षित करो. अब चुनाव के दौरान, हिंदू-मुसलमान और विकास के दौरान, कुछ भी नहीं. उत्तर प्रदेश में बिजली सबसे महंगी है. जो कोई भी पंखा इस्तेमाल करता है उसे 1200 रुपये का बिल मिलता है. यहां 3-3 साल तक गन्ने का मुआवजा नहीं मिलेगा. एमएसपी पर खरीदारी नहीं होगी. मजदूरों को वेतन नहीं मिलता है. आप देश में दूध नीति लाना चाहते हैं जो गरीब लोगों की जान ले रही है.
सवाल- किसान इस बार कौन सी पार्टियां करेंगे?
राकेश टिकैत- यह किसी के साथ नहीं है. किसान अलग-अलग विचार प्रक्रियाओं पर अलग-अलग चल रहे हैं. वह हर जगह जा रहा है. वह जहां जाना चाहता है. वह यह नहीं कहेगा कि वह कहां जा रहा है. आधी कीमत पर अपनी फसल बेचने के बाद वे कहां वोट करेंगे? वे यह जानते हैं. उन्हें जहां भी वोट करना होगा, वे वोट करेंगे. मैं राजनीतिक मामलों से दूर रहता हूं. हम बस अपने आंदोलन को ठीक रखना चाहते हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसकी सरकार आती है, अगर वह सरकार गलत नीतियां लाती है तो हम उनके खिलाफ होंगे. आंदोलन, सड़क पर.
सवाल- आंदोलन वापस लिया गया है या नहीं?
राकेश टिकैत- फिलहाल आंदोलन स्थगित कर दिया गया है.
सवाल- इसे कब तक के लिए टाला जाएगा?
राकेश टिकैत- अभी इसे टाला गया है. इसलिए भारत सरकार ने कहा है कि वे एमएसपी पर एक कमेटी बनाएंगे. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो देश में एमएसपी को लेकर एक और बड़ा मुद्दा शुरू हो जाएगा.
सवाल- पिछले साल 26 जनवरी और इस साल 26 जनवरी को देश ने देखा था. आप क्या संदेश देंगे?
राकेश टिकैत- लोग अपने-अपने गांवों में ट्रैक्टर चलाकर झंडा फहराएंगे. तिरंगे की मेजबानी होगी, ट्रैक्टर की मेजबानी की जाएगी. वे अपने खेतों और गांवों में घूमेंगे. दिल्ली नहीं जाएंगे.
सवाल- 26 जनवरी में देश के लिए आपका क्या संदेश है?
राकेश टिकैत- 26 जनवरी मनाएं. यह हमारे देश का पर्व है, इसे सभी को मनाना चाहिए.
सवाल- और गांवों में किसान क्या करेंगे?
राकेश टिकैत- गांवों के किसान भी ध्वजारोहण करते हैं, तिरंगे की मेजबानी करते हैं. तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है और हमने पिछले साल पूरे देश में 4.5 लाख राष्ट्रीय ध्वज फहराए. किसान ध्वजारोहण भी करेंगे. वही हमारा राष्ट्रीय ध्वज है. कल का दिन उसी के लिए है. सभी इसे खुशी-खुशी मनाएंगे.
सवाल- पिछले साल के बारे में कुछ ऐसा जो आपको लगता है कि नहीं होना चाहिए था?
राकेश टिकैत- पिछले साल क्या हुआ था? 26 जनवरी को सरकार की साजिश थी, यह सरकार की साजिश थी. अगर देश में कभी कोई जांच एजेंसी आती है तो यह पूरी जांच 26 जनवरी को होनी चाहिए. भारत सरकार, उस समय के अधिकारी, सब लोग घाट पर खड़े होंगे. जिन लोगों ने साजिश की है, वे देश के प्रति स्नेही नहीं हैं. न ही उन्हें झंडे के प्रति स्नेह है. यह एक साजिश है. हमारी सरकार बनी रहनी चाहिए. किसानों को बदनाम करो. साजिश के तहत ऐसा किया गया है. अगर कभी कोई एजेंसी जांच करती है तो यह सब, साजिश करने वाले सभी का पर्दाफाश हो जाएगा.
सवाल- ये कौन सी एजेंसियां होंगी? आपको मौजूदा एजेंसियों पर भरोसा नहीं है?
राकेश टिकैत- नहीं, हमें विश्वास है लेकिन कौन करेगा? सभी एजेंसियों को देश द्वारा नियंत्रित किया जाता है. कोई एजेंसी नहीं है, हर कोई काम कर रहा है.
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