(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Elections 2022: बीएसपी की चुनाव आयोग से वोटिंग से 6 महीने पहले ओपिनियन पोल पर बैन लगाने की मांग
UP Elections 2022: बीएसपी का आरोप है कि यूपी में क़रीब 15 करोड़ वोटर हैं. लेकिन सर्वे एजेंसियां चंद सौ लोगों की राय के आधार पर अपने आंकड़े पेश कर देती है.
UP Elections 2022: बीएसपी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर चुनाव से छह महीने पहले पोल सर्वे पर बैन लगाने की मांग की है. पार्टी के महासचिव और राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने बीएसपी की तरफ़ से आयोग से ये अपील की है. ग्यारह पन्नों की चिट्ठी में मिश्र ने आरोप लगाया है कि ओपिनियन पोल से वोटर भ्रमित होते हैं. उनका कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी को जान बूझ कर फ़ायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जाता है. हाल में कुछ एजेंसियों ने सर्वे किया जिसमें बीएसपी को बहुत पीछे दिखाया गया है, जबकि बीजेपी के खाते में बहुमत का आंकड़ा पेश किया गया है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती शुरूआत से ही ओपिनियन पोल के ख़िलाफ़ रही हैं. वे कहती रही हैं कि ये सब पैसा वाली पार्टियों का हथकंडा है. दलितों और वंचितों की लड़ाई लड़ने वाली बीएसपी के ख़िलाफ़ साज़िश है. लेकिन पहली बार बीएसपी ने इस मामले में चुनाव आयोग से लिखित शिकायत की है. यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती का आरोप है कि कोरोना के कारण जनता बेहाल है. अर्थ व्यवस्था चौपट हो गई है. लोग बेरोज़गार हो गए हैं और गरीबी भी बढ़ गई है. ऐसे हालात में यूपी बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ जनता में आक्रोश है फिर भी सर्वे में लगातार बीजेपी की सरकार बनती हुई बताई जा रही है. ऐसा कैसे हो सकता है ? पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र कहते हैं सितंबर के महीने में कुछ मीडिया प्लेटफ़ार्म पर सर्वे दिखाया गया. जिसमें बीएसपी को बहुत कम सीटें दी गई हैं. उन्होंने एबीपी न्यूज़ चैनल पर दिखाए गए सी वोटर सर्वे का भी हवाला दिया है.
बीएसपी का आरोप है कि यूपी में क़रीब 15 करोड़ वोटर हैं. लेकिन सर्वे एजेंसियां चंद सौ लोगों की राय के आधार पर अपने आंकड़े पेश कर देती है. ऐसा करना संदेह पैदा करता है. बीएसपी ने निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए इलेक्शन कमीशन से मतदान से छह महीने पहले इस तरह के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की है.