UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और आरएलडी का गठबंधन फंसता दिख रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि सीटों को लेकर दोनों में बीच पेंच फंस गया है. इस बीच जयंत चौधरी ने सम्मान से समझौता ना करने की बात कहकर अखिलेश के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. आरएलडी के नेता जयंत चौधरी अखिलेश यादव से 50 सीटों की मांग कर रहे हैं वहीं समाजवादी पार्टी जंयत चौधरी को सिर्फ 32 सीट देने के लिए तैयार हैं. ऐसे में दोनों दलों के बीच बात बिगड़ती दिखाई दे रही है.


अगर बात करें गठबंधन की तो आरएलडी ने 2002 के चुनाव में BJP के साथ गठजोड़ कर चुनावी मैदान में उतरा था. इस दौरान आरएलडी को 14 सीटों पर जीत मिली जबकि दो प्रतिशत वोट हासि हुए. साल 2007 में आरएलडी ने अकेले चुनावी मैदान में उतरी. इस चुनाव में आरएलडी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की जबकि वोट प्रतिशत दो से बढ़कर चार पर पहुंच गया.


2012 के चुनाव में आरएलडी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी. इस दौरान उसे नौ सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि वोट दो प्रतिशत मिले. वहीं एक बार फिर साल 2017 में आरएलडी ने अकेले चुनाव लड़ा जिसमें 1 सीटों पर जीत हासित की जबकि दो प्रतिशत वोट मिले.


विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि किसी और की तुलना में आरएलडी को बीजेपी के साथ गठबंधन में ज्यादा सीटें मिली. जबकि लोकसभा चुनाव में आरएलडी एसपी के साथ भी चुनाव लड़ चुकी है और बीजेपी के साथ भी. सीटों के मामले में वहां भी फायदा बीजेपी के साथ ज्यादा हुआ. वैसे जंयत अपनी नजर कांग्रेस पर भी बनाए हुए हैं.


बता दें कि पिछले साल चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद जयंत चौधरी के सामने अपनी पार्टी के खोते जनाधार को बचाने की चुनौती है. किसान आंदोलन ने जयंत को वो मौका भी दिया. जंयत पिछले एक साल से जिस तरह आंदोलनकारियों के साथ खड़े रहे उससे भी इन्हें खूब सहानभूति मिली. अब जयंत को लगता है कि पश्चिमी यूपी में जाट-सिख और मुस्लिमों की लामबंदी के बदौलत आरएलडी फिर से अपनी खोई ताकत जुटा चुकी है और इसीलिए जंयत अब इसका भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं और गठबंधन के लिए सीटों को लेकर मोल-भाव कर रहे हैं.


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